Sourav Ganguly: पश्चिम बंगाल सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, ममता बनर्जी की सरकार ने सौरव गांगुली की सुरक्षा में इजाफा करते हुए अब ‘जेड’ श्रेणी में करने का फैसला किया है। बता दें कि गांगुली को पहले ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी लेकिन इसकी अवधि खत्म होने के बाद अब उनकी सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने का फैसला पश्चिम बंगाल सरकार ने लिया है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि ‘‘गांगुली को प्रदान की गई सुरक्षा की अवधि खत्म हो गई थी, इसलिए प्रोटोकॉल के अनुसार एक समीक्षा की गई और इसे बढ़ाकर ‘जेड’ श्रेणी में करने का फैसला किया गया।” अधिकारी ने कहा कि नई सुरक्षा व्यवस्था के अनुसार अब 8 से 10 पुलिसकर्मी पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष की सुरक्षा में रहेंगे।
इस फैसले के पीछे राजनीतिक पहलू ?
हालांकि, यह फैसला क्यों किया गया, इस बारे में किसी खास वजह का पता नहीं चल पाया है लेकिन लोग इसे राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी सामने आ रही थी कि दादा भाजपा को ज्वाइन करेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। बाद में बीसीसीआई अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ा। तब टीएमसी के सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने कहा था कि अमित शाह ने गांगुली से कई बार भाजपा जॉइन करने के लिए कहा था वह चाहते थे कि बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने गांगुली भाजपा का चेहरा बनें। गांगुली ने ये ऑफर ठुकरा दिया तो उनसे पद छीना जा रहा है।
उन्होंने ये भी कहा था कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन गांगुली अध्यक्ष पद पर ऐसा नहीं कर सकते। ये इसलिए क्योंकि गांगुली कोलकाता से हैं और भाजपा जॉइन नहीं की है।
दिल्ली कैपिटल्स के लिए उनकी भूमिका
गांगुली फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट की भूमिका में हैं। हालांकि, उनकी टीम इंडियन प्रीमियर लीग के प्लेऑफ में पहुंचने की रेस से बाहर हो चुकी है। टीम ने अब तक खेले 12 मैचों में बस 4 मैच ही जीते। बहरहाल, देखना होगा कि आगे चलकर इसके क्या राजनीतिक मायने निकलकर सामने आते हैं।
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