Mahadev: सनातन धर्म में शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता हैं की शिवलिंग में केवल शिव परिवार ही नहीं बल्कि अलग-अलग जगह पर 33 कोटी देवी-देवता भी विराजमान होते हैं। केवल शिवलिंग पर जल चढ़ाने से सभी देवी-देवतायो की स्तुति हो जाती हैं।
आप सभी ने गौर किया होगा की शिवलिंग के ठीक ऊपर एक कलश लटका होता है। उस कलश से जल की हल्की सी धारा हमेशा शिवलिंग के ऊपर टपकती रहती हैं। शिवलिंग के साथ-साथ उस कलश में भी जल चढ़ाया जाता है। आज चर्चा करते हैं उस कलश का क्या रहस्य है और उसमे जल क्यों चढ़ाया जाता है।
हम सभी जानते हैं की भगवानशिव की एक पुत्री थी अशोक सुंदरी जिनका स्थान शिवलिंग के ठीक आगे जहां से जल बहकर आता हैं वहाँ होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं की भगवान शिव की 5 नाग कन्याएं भी थी जिनका स्थान शिवलिंग के ठीक ऊपर कलश में है। तो सबसे पहले बात करते हैं भगवान शिव की उन नाग कन्याओं की।
कैसे हुआ भगवान शिव की नाग कन्याओं का जन्म ?
एक बार माता पार्वती और भगवान शिव नदी में जल क्रीडा कर रहे थे। तभी भगवान शिव का वीर्य स्खलन हो गया। जिससे नदी में ही भगवान शिव की कन्याओं का जन्म हुआ। लेकिन उन कन्याओं का जन्म नाग के रूप में हुआ था। माता पार्वती को ये बात पता नहीं थी लेकिन भगवान शिव ये रहस्य जानते थे।
वह हर रोज सुबह नदी किनारे अपनी नाग कन्यायो से मिलने जाते थे। जब पार्वती माता को यह रहस्य पता चला तब उन्होंने भगवान शिव से अपनी पुत्रियों को अपने साथ घर लाने के लिए कहा। तभी से शिवलिंग के ऊपर कलश में भगवान शिव की नाग कन्यायों को स्थान दिया गया।
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कलश में जल क्यों चढ़ाया जाता है ? Mahadev
अमृत मंथन के दौरान जब भगवान शिव ने हलाहल विष पी लिया था। तब उनके शरीर का ताप बढ़ गया था। उस ताप को कम करने के लिए उसी कलश के जल से भगवान शिव का अभिषेक किया गया था। तब भगवान शिव के शरीर का ताप कम हुआ और उनको ठंडक मिली थी। इसलिए शिवलिंग के ऊपर कलश में निरंतर जल टपकता रहता हैं ताकि भगवान शिव के शरीर का ताप नियंत्रित रहे।