दिल्ली की राजनीति में इस वक्त काफी उथल पुथल मची हुई है। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार अब कैबिनेट में फेरबदल करने जा रही है। दो नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जाने वाला है। खबरों की मानें तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाने के लिए दो नए लोगों को चुन भी लिया है। ये दो नए चेहरे आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज और आतिशी होंगे। जी हां, खबरों के अनुसार केजरीवाल ने नए मंत्री बनाने के लिए सौरभ भारद्वाज और आतिशी के नाम उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजे दिए हैं।
एलजी के पास भेजा गया नाम
एक समाचार एजेंसी के द्वारा अपने सूत्रों के हवाले से बुधवार को यह जानकारी दी। एलजी के द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ये दोनों नए मंत्री शपथ लेंगे। ध्यान देने योग्य है कि नई आबाकारी नीति में घोटाले के आरोपों में घिरने के बाद रविवार को ही सीबीआई के द्वारा मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था। अब सौरभ भारद्वाज और आतिशी इन दोनों की जगह लेते नजर आ रहे हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इन दोनों नेताओं पर ही क्यों केजरीवाल अपना भरोसा जता रहे हैं?
आतिशी और सौरभ भारद्वाज पर भरोसा करते हैं केजरीवाल
आतिशी दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी से विधायक हैं। वो केजरीवाल की भरोसेमंद मानी जाती हैं। आतिशी, मनीष सिसोदिया के साथ उनके विभाग में काम भी कर चुकी हैं। केजरीवाल सरकार अपने जिस शिक्षा मॉडल का प्रचार-प्रसार करते नहीं थकती और जिसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिनती हैं, उनमें आतिशी की भी पर्दे के पीछे से बड़ी भूमिका मानी जाती है। देखा जाये तो केजरीवाल की कैबिनेट में फिलहाल एक भी महिला मंत्री नहीं है। ऐसे में आतिशी को नए मंत्री के रूप में चुनकर केजरीवाल सरकार उस कमी को पूरा कर सकती है।
18 मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रहे थे सीएम
इसके अलावा दूसरा नाम सौरभ भारद्वाज का है। वो केजरीवाल की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। सौरभ ग्रेटर कैलाश से विधायक हैं। वर्तमान समय में वो दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष का भी जिम्मा संभाल रहे हैं। सौरभ एक राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर पार्टी के पक्ष को काफी मजबूती से रखते हैं। इनकी गिनती केजरीवाल के विश्वासपात्र में होती है।यहां आपको ये भी बता दें कि सिसोदिया दिल्ली सरकार में 33 मंत्रालयों में से 18 मंत्रालयों का काम संभाल रहे थे। इसमें शिक्षा के साथ वित्त, गृह और अन्य मंत्रालय शामिल थे। वहीं सत्येंद्र जैन पहले स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभालते थे, लेकिन इनकी गिरफ्तारी के बाद इस विभाग का काम भी सिसोदिया ही देखते थे। बिना किसी मंत्रालय के सत्येंद्र जैन मंत्री बने हुए थे। हालांकि सिसोदिया के साथ अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।