Anang Trayodashi 2022 : मार्गशीर्ष या अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हर वर्ष अनंग त्रयोदशी का पर्व मनाया जाता हैं। आज यानी 05 दिसंबर दिन सोमवार को अनंग त्रयोदशी व्रत रखा जाएगा। देश के कई राज्यों में इस व्रत को प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं।
आज के पावन दिन भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती (Mata Parvati), कामदेव (Kamdev) और उनकी पत्नी रति (Rati) की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आज व्रत रखने से व्यक्ति के प्रेम संबंध मजबूत होते हैं। कामदेव को अनंग के नाम से भी जाना जाता हैं।
अनंग त्रयोदशी व्रत की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ सती के आत्मदाह करने के बाद, शिव जी (Lord Shiva) समाधि लगाकर ध्यान में मग्न हो गए थे। उस समय तारकासुर पूरे संसार में अत्याचारों से हाहाकार मचा रहा था। इससे सभी देवता चिंतित थे। तारकासुर से सिर्फ शिव जी ही मुक्ति दिला सकते थे। लेकिन शिव जी उस समय ध्यान में लीन थे और उनका ध्यान तोड़ने का साहस किसी में भी नहीं था।
तारकासुर से मुक्ति दिलाने के लिए कामदेव जी ने महादेव का ध्यान भंग करने का प्रण लिया। कामदेव (Kamdev) अपनी पत्नी रति (Rati) के साथ शिवालय पर गए और शिव जी पर पुष्प बाण से प्रहार किया। जैसे ही शिव जी का ध्यान टुटा, वो बहुत ज्यादा क्रोधित हुए और उन्होंने (Lord Shiva) अपनी तीसरी आंख खोलकर कामदेव को भस्म कर दिया।
अपने पति (Kamdev) को भस्म रूप में देखकर रति (Rati) ने शिव जी से क्षमा मांगी और उन्हें वास्तविक स्वरूप प्रदान करने की विनती की। इस पर शिव जी (Lord Shiva) ने कहा, कामदेव का शरीर जलकर भस्म हो गया है। वो अब अनंग यानी बिना अंगों वाले हो गए हैं। अब से वो (Kamdev) सभी के मन में काम रूप में जीवित रहेंगे। द्वापर युग में उनको शरीर प्राप्त होगा और वो शिव जी के पुत्र प्रद्युम्न के रूप में जन्म लेंगे।