तुलसी विवाह का महत्व
मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन 4 महीने की लंबी नींद के बाद, भगवान विष्णु जागे थे और उनके जागने के साथ ही सभी शुभ मुहूर्त खुल जाते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के साथ माता तुलसी का विवाह करने की परंपरा है। इस वर्ष कार्तिक द्वादशी 5 नवंबर, शनिवार शाम 6:08 से आरंभ हो रही है जो 6 नवंबर, रविवार, शाम 5:06 तक की है। बहरहाल तुलसी विवाह पारण मुहूर्त, 6 नवंबर, रविवार की दोपहर 1:09 से 03:18 तक है। कहा जाता है कि तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है व उनके विवाहिक जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
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