Loksabha Election 2024 : 16 मार्च को 2024 आगामी लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होने वाला है ,यह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे से होगी। कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जाएगा। इनमें ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी।
शुक्रवार 15 मार्च नवनिर्वाचित दो चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू पदभार संभाल लिया है । कार्यक्रम को लेकर तीनों अधिकारियों ने चुनावी बैठक की है। 5 फरवरी को चुनाव आयोग ने राजनितिक पार्टियो को सलाह दी थी की चुनाव प्रचार में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो का इस्तेमाल नहीं करेंगे।चुनाव पैनल ने पार्टियों को भेजी गई एडवाइजरी में पार्टियों और उम्मीदवारों से चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों से पोस्टर और पर्चे बांटने, नारेबाजी करने को लेकर किसी भी प्रकार की संलिप्ति होने से मना किया है।
8 फरवरी को चुनाव आयोग ने सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी स्पेशल रिपोर्ट जारी की थी। आगामी लोकसभा चुनाव में 97 करोड़ लोग वोटिंग कर सकेंगे। पिछले चुनाव के मतदान लिस्ट के मुकाबले इस बार वोटिंग लिस्ट में 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स को जोड़ा गया है। अनुमान लगाया जा रहा है की इस चुनाव में 6% ज्यादा वोटिंग हो सकती है। चुनाव आयोग के द्वारा जारी बयान में यह कहा गया की पुरे विश्व में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ वोटर्स भारत के आगामी लोकसभा चुनावों में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं।
ऐसा था 2014-2019 चुनाव में लिस्ट
2014 में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 5 मार्च को की गई थी और 9 चरणों में ये चुनाव 7 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई को ख़तम हो गया था,इसके 4 दिन बाद 16 मई को इसका रिजल्ट घोषित कर दिया गया था। इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव भी 7 चरणों में 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई को ख़तम कर दी गई थी। दोनों चुनाव में तारीखों के ऐलान और वोटिंग के बीच का अंतर 40 दिनो का रखा गया था। 2024 लोकसभा चुनाव में ये समीकरण में बदलाव देखने को मिल सकती है। 16 मार्च को घोषित तारीखों के बाद टाइम के इस संशय से पर्दा उठ पायेगा।
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2024 लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए 3.4 लाख से अधिक सेंट्रल फोर्स के जवानों को तैनात किया जाएगा। जवानों का पहला बैच 1 मार्च को देश के अति संवेदनशील इलाकों के लिए रवाना हो गया है। अति-संवेदनशील या कुछ पर्वतीय क्षेत्र के निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव पूर्व तैनाती के लिए लगभग 2,000 कंपनियों को तैनात किया जाएगा। जिसमें करीब 1.5 लाख जवान होंगे। सेंट्रल फोर्स की पहली टुकड़ी इस सप्ताह के अंत में पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के अलावा वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित राज्यों में पहुंचना शुरू कर दिया है।
CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन इकाइयों के कमांडिंग अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं और चुनाव आयोग द्वारा जारी सामान्य निर्देशों के अलावा अपने सैनिकों को उन क्षेत्रों के बारे में परिचित कराने का निर्देश दिया गया है जहां वे चुनाव ड्यूटी के लिए जा रहे हैं। इन सेंट्रल फोर्स कंपनियों की टुकड़ियों में CRPF, BSF, ITBP, CISF और SSB के जवान शामिल हैं।