Least polluted city most polluted city list: दिल्ली, जो भारत की राजधानी है, इन दिनों वायु प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रही है। देश के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन दिल्ली का हाल सबसे ज्यादा खराब है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार को 373 दर्ज किया गया, जो इसे “बेहद खराब” श्रेणी में रखता है। इससे पहले भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर बनी हुई थी।
देश के सबसे प्रदूषित शहर
दिल्ली के अलावा अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण की समस्या देखी गई। लखनऊ और पटना क्रमशः 367 और 249 के AQI के साथ देश के दूसरे और तीसरे सबसे प्रदूषित शहर रहे। अन्य प्रमुख शहरों में भोपाल (248), जयपुर (244), और अहमदाबाद (208) शामिल हैं। 200 से ऊपर का AQI खराब वायु गुणवत्ता को दर्शाता है, जबकि 300 से 400 के बीच का AQI “बहुत खराब” और 400 से अधिक “गंभीर” माना जाता है।
दिल्ली के सात इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 से अधिक पाया गया। आनंद विहार (410), बवाना (411), जहांगीरपुरी (426), और मुंडका (402) जैसे क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब रही। नेहरू नगर, शादीपुर, और वजीरपुर जैसे इलाकों में भी एक्यूआई 400 से ऊपर रहा। इन स्तरों पर प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है और इससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास
केंद्र सरकार ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) में बदलाव किया है। इसके तहत, एनसीआर राज्यों को चरण 3 और चरण 4 के तहत सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें स्कूलों में कक्षा 5 तक की ऑफलाइन कक्षाओं को बंद करना और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं।
सार्वजनिक कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए अलग-अलग काम के घंटे तय किए गए हैं ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम की जा सके। इसके अलावा, केंद्रीय कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
स्वच्छ शहरों की सूची
जहां एक ओर दिल्ली और अन्य शहर प्रदूषण से जूझ रहे हैं, वहीं देश में कुछ ऐसे भी स्थान हैं जहां वायु की गुणवत्ता बेहतर है। मिजोरम की राजधानी आइजोल ने देश के सबसे साफ शहरों की सूची में पहला स्थान हासिल किया है। यहां का AQI केवल 27 है। असम की राजधानी गुवाहाटी (AQI 50) और केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम (AQI 57) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इन शहरों की हवा की गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में आती है।
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
वायु प्रदूषण केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर समस्या है। यह फेफड़ों और दिल की बीमारियों का मुख्य कारण बनता है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
दिल्ली जैसे शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। स्कूलों और कार्यालयों पर पड़ने वाले प्रभाव से लेकर परिवहन के साधनों तक, हर पहलू पर इसका असर देखा जा सकता है।
नागरिकों की भूमिका और समाधान
इस संकट से निपटने के लिए सरकार के साथ-साथ नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग, वाहनों का कम इस्तेमाल, और पेड़-पौधे लगाने जैसे उपाय अपनाए जाने चाहिए। इसके अलावा, कचरा जलाने और निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के प्रयास भी किए जाने चाहिए।
दिल्ली और अन्य प्रदूषित शहरों के लिए यह समय है कि वे स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता दें। केवल सरकारी उपाय पर्याप्त नहीं होंगे; इसमें सभी नागरिकों की भागीदारी अनिवार्य है। वायु प्रदूषण का यह संकट हमें यह समझने का अवसर देता है कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना कितना आवश्यक है।
दिल्ली का बढ़ता वायु प्रदूषण देश के सामने एक गंभीर चुनौती है। जहां एक ओर स्वच्छ शहरों की मिसाल हमारे सामने है, वहीं दूसरी ओर प्रदूषित शहरों में रहने वाले लोगों के लिए यह स्वास्थ्य का संकट बन चुका है। इस समस्या का समाधान सामूहिक प्रयासों और जागरूकता से ही संभव है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना अनिवार्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियां स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में सांस ले सकें।