किसी भी इंटरनेशनल क्रिकेट फॉर्मेट में टीम इंडिया की क्या अप्रोच होगी इसपर लगातार चर्चा होती रहती है। हाल ही में हुए टी20 वर्ल्ड कप में जिस तरह की टीम इंडिया की अप्रोच देखने को मिली वो निराश करने वाली है। पॉवरप्ले में काफी कम रन देखने को मिला। वहीं दूसरी टीमों ने शुरुआती ओवरों में खूब रन बटोरे जिससे मैच जीतने में उन्हें काफी मदद मिली। इस टी20 विश्व कप के विजेता रहे इंग्लैंड की टीम से काफी कुछ सीखने की जरुरत है।
हिट है ‘बैजबॉल’ तकनीक
अगर हम टेस्ट में भी देखें तो जिस तरह से पाकिस्तान के खिलाफ इंग्लैंड ने खेला है वो देखने लायक है। यदि इंग्लैंड की टीम ये टेस्ट मैच जीत सकी तो उसके पीछे उनके “बैजबॉल” क्रिकेट स्टाइल का बड़ा योगदान रहा। बैजबॉल आज इतना लोकप्रिय हो चला है कि बाकी टीम भी इसे अपनाना चाहती है। इसी को लेकर इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी डेविड लॉयड ने कहा है कि इंग्लैंड के अलावा भारत ऐसी टीम है जो इस तकनीक को अपना सकती है।
उन्होंने डेली मेल के एक कॉलम में लिखा कि “यह पूरी तरह से नया नहीं है। 90 में ऑस्ट्रेलिया और उससे पहले वेस्टइंडीज की टीम में भी ऐसे स्ट्रोक मेकर्स खिलाड़ी थे। मैं मानता हूं कि इस स्टाइल को टीम इंडिया अपना सकती है। उनके पास सारे टूल्स हैं। इस बात को लेकर संदेह है कि भारतीय बल्लेबाज आंकड़ों पर चलते हैं लेकिन विराट कोहली ऐसे हैं जो इसे अपनी टीम में ला सकते हैं।”
क्या है ‘बैजबॉल’ तकनीक ?
Bazball एक ऐसा शब्द है जो न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी और इंग्लैंड के वर्तमान कोच ब्रेंडन मैकलम ने गढ़ा है। इसे विपक्षी टीम के ऊपर आक्रमण करते हुए क्रिकेट खेलने के लिए उपयोग में लिया जाता है। जब कोई खिलाड़ी सिर्फ आक्रमण करते हुए रन बनाने के लिए जाता है, तो इसे Bazball क्रिकेट नाम दिया गया है। इंग्लैंड टीम ने ब्रैंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स के नेतृत्व में जबसे टेस्ट क्रिकेट में इस तकनीक को अपनाया है तब से लगातार इंग्लैंड टीम को फायदा हुआ है। इंग्लैंड टीम ने इस दौरान 8 टेस्ट मैच खेले हैं और 7 में उसे जीत मिली है। उसमें से एक रावलपिंडी टेस्ट मैच था, जहां कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बने।