e-university | UGC : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (विश्वविधालय अनुदान आयोग) ने नेशनल डिजीटल यूनिवर्सिटी (ई-यूनिवर्सिटी) को विश्व का सबसे बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉम बनाने का फैसला किया है। इसे साल 2024 की पहली तिमाही से शुरु कर दिया जाएगा। इससे पूरे देश के बच्चों का फायदा होने वाला है। कोई भी विद्यार्थी, किसी भी कॉलेज के किसी भी कोर्स को किसी भी भारतीय भाषा में ऑनलाइन निशुल्क पढ़ सकेगा। गौरतलब है कि संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में एक ‘डिजिटल विश्वविद्यालय’ की स्थापना की घोषणा की। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि कोविड-19 महामारी से प्रेरित शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से कई बच्चों को नुकसान उठाना पड़ा है।
IIT और जेनयू जाने की अब जरुरत नहीं
स्टूडेंट्स को स्टडी मटेरियल भारत के किसी भी भाषाओं में ई-यूनिवर्सिटी पर उपलब्ध होगा। यूजीसी का कहना है कि स्टूडेंट्स के पास यह विकल्प होगा कि विभिन्न शिक्षण संस्थानों के कई कोर्सेज को चुन सकेंगे तथा उसके पास यह भी विकल्प होगा कि दो अलग-अलग शिक्षण संस्थानों के कोर्सेज को भी कर सकेगा। साथ ही यह कोर्स अलग अलग भाषाओं में कर पाएगा।
ई-विश्वविद्यालय के साथ कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा ताकि वो जॉब के लिए स्टूडेंट्स चुन सकें। यूजीसी का कहना है कि देश के टॉप शिक्षण संस्थानों जैसे की बीएचयू, जेएनयू, डीयू को इस प्लैटफॉम का हिस्सा बनाया जाएगा। डीयू-जेएनयू मिलकर छात्र को ज्वाइंट डिग्री भी दे सकेंगे।
घर बैठे प्राप्त करें टॉप शिक्षण संस्थानों की डिग्री
ई-यूनिवर्सिटी में कई ऑनलाइन मंच को समाहित किया जाएगा। स्वयं जैसे प्लेटफॉर्म जो किसी भी स्थान पर किसी को भी एक्सेस करने की सुविधा देता है, उसे इसके साथ जोड़ दिया जाएगा। ई-विश्वविद्यालय को शुरु होने के बाद स्वयं, स्वयं प्रभा चैनल्स, ई-पीजी पाठशाला, ई- ज्ञानकोश, नैशनल डिजिटल लाइब्रेरी एंड वर्चुअल लैब्स को इंटीग्रेट कर दिया जाएगा। एग्जाम सिस्टम पूरी तकनीक से लैस होगा। छात्र ऑन डिमांड एग्जाम दे सकेंगे। नौकरी पाने वाले भी शिक्षा पा सकेंगे।