कब होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण
बता दें कि अंतरिक्ष में चांद, पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है और चक्कर लगाने के दौरान जब चांद पृथ्वी के पीछे पहुंच जाता है। पृथ्वी के पीछे होने की वजह से सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पहुंचती और पृथ्वी की परछाई से चांद पर अंधेरा हो जाता है। चांद पर सूर्य की रोशनी जब नहीं पहुंचती तब उसे, पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। वहीं जब थोड़ी सी रोशनी और परछाई पहुंचती हैं तो उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं।
इस वजह से लाल रंग का दिखता हैं चांद
कार्तिक पूर्णिमा पर 8 नवंबर को साल का दूसरा चंद्रग्रहण, ब्लड मून लाल रंग का दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण के समय, चांद पूरी तरह से अंधेरे में होगा और उस तक सिर्फ वही रोशनी पहुंचेगी जो पृथ्वी से टकरा कर जाएगी। बता दें कि वायुमंडल में मौजूद धूल और बादलों की वजह से लाल रंग निकलता है। वायुमंडल में जितने ज्यादा कण होंगे, चांद उतना ही ज्यादा चमकीला लाल दिखाई देगा।
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