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Kim Jong Un ने साउथ कोरिया को दी धमकी, कहा – दुनिया के नक्शे से गायब कर देंगे

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Kim Jong Un

Kim Jong Un : दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच का तनाव दशकों पुराना है, जो कोरियाई प्रायद्वीप के विभाजन के समय से जारी है। 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष और असहमति बनी रही है। इस समय भी तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जिसमें उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया को परमाणु हमले की धमकी दी है। यह बयान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल द्वारा दिए गए एक बयान के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी थी कि यदि किम ने परमाणु हथियारों का प्रयोग किया, तो उनका शासन समाप्त हो जाएगा।

हालिया तनाव के कारण

हाल के दिनों में, उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों में वृद्धि करने की घोषणा की है, जो इस तनाव का मुख्य कारण है। उत्तर कोरिया की संसद से यह उम्मीद की जा रही है कि वह एक नया प्रस्ताव पारित करेगी, जिसमें साउथ कोरिया के साथ सुलह की संभावनाओं को खारिज किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी संभावना है कि उत्तर कोरिया दो-राज्य प्रणाली को संवैधानिक दर्जा देने पर जोर देगा, जिसका मतलब होगा कि वह दक्षिण कोरिया के साथ एकजुट होने के सभी प्रयासों को अस्वीकार कर देगा।

उत्तर कोरिया लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपने परमाणु कार्यक्रमों को बढ़ाने के प्रयास में है। उनका यह तर्क है कि यह उनके देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। दूसरी तरफ, दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस बात पर जोर देते हैं कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।

किम जोंग उन की धमकी

किम जोंग उन ने अपने बयान में कहा कि अगर दक्षिण कोरिया उनके देश की संप्रभुता का उल्लंघन करने के लिए अपनी सेना का उपयोग करता है, तो उत्तर कोरिया बिना किसी झिझक के अपने सभी आक्रामक हथियारों का प्रयोग करेगा, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं। किम ने यह भी कहा कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल एक ‘असामान्य व्यक्ति’ हैं, जो परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया की तुलना अपने देश से कर रहे हैं। किम ने इस बात पर भी जोर दिया कि उत्तर कोरिया सियोल और पूरे कोरियाई गणराज्य के स्थायी अस्तित्व को खतरे में डालने के लिए तैयार है।

किम ने स्पष्ट किया कि उनका देश उत्तरी सीमा रेखा (Northern Limit Line) को मान्यता नहीं देता, जो कोरियाई युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिभाषित की गई थी। यह रेखा पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में स्थित है और इसे लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। उत्तर कोरिया का दावा है कि यह रेखा अवैध है और इसे मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। इस समुद्री क्षेत्र में कई बार संघर्ष हुए हैं और इसे दोनों देशों के बीच प्रमुख विवाद का क्षेत्र माना जाता है।

किम यो जोंग का बयान

किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने भी इस तनाव में अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने दक्षिण कोरिया की सबसे उन्नत ह्यूनमू-5 मिसाइल पर कटाक्ष किया और कहा कि दक्षिण कोरिया के पारंपरिक हथियार उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता की तुलना में कुछ भी नहीं हैं। किम यो जोंग ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया की सैन्य क्षमता किसी भी पारंपरिक हथियार प्रणाली से कहीं अधिक मजबूत है। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि उत्तर कोरिया अपने सैन्य और परमाणु क्षमताओं के मामले में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति का जवाब

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने किम जोंग उन के बयानों का जवाब देते हुए कहा कि यदि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों का उपयोग करने की कोशिश करता है, तो किम सरकार का अंत हो जाएगा। यून ने कहा कि उत्तर कोरिया की सेना दक्षिण कोरिया-अमेरिकी गठबंधन के सामने नहीं टिक पाएगी। उन्होंने दक्षिण कोरिया की ह्यूनमू-5 बैलिस्टिक मिसाइल का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस मिसाइल की शक्ति और देश के अन्य पारंपरिक हथियार उत्तर कोरिया के खिलाफ कारगर साबित होंगे।

यून का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जुलाई में साउथ कोरिया और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए दक्षिण कोरिया की पारंपरिक सैन्य क्षमताओं को अमेरिकी परमाणु बलों के साथ समन्वयित करना था। यह समझौता दक्षिण कोरिया के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिका उसके साथ किसी भी आपात स्थिति में खड़ा रहेगा।

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अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका ने हमेशा से ही उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर खतरा माना है और इस पर रोक लगाने के लिए प्रतिबंधों और अंतरराष्ट्रीय दबाव का सहारा लिया है। हालिया तनाव को देखते हुए, अमेरिका ने फिर से यह स्पष्ट किया है कि वह दक्षिण कोरिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और किसी भी हमले की स्थिति में निर्णायक कार्रवाई करेगा।

संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है और दोनों देशों को संयम बरतने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इस क्षेत्र में बढ़ते सैन्य तनाव और परमाणु हथियारों का उपयोग पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने कई बार उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों की निंदा की है और उस पर प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन किम जोंग उन की सरकार इन प्रतिबंधों को नजरअंदाज करती रही है।

दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच का यह हालिया तनाव कोरियाई प्रायद्वीप के पहले से ही नाजुक संबंधों को और खराब कर सकता है। उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम और उसके बढ़ते सैन्य कदम इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं। हालांकि, दक्षिण कोरिया-अमेरिका गठबंधन उत्तर कोरिया की धमकियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दोनों देशों के नेताओं के हालिया बयानों से यह स्पष्ट है कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बहाल करना आसान नहीं होगा।