Sunday, September 15, 2024
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Kedarnath में तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग, मरमत के लिए जा रहा था हेलीकॉप्टर

Kedarnath: केदारनाथ में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना का समाचार, जिसने पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, न केवल इस घटना का विस्तार से विश्लेषण करने की आवश्यकता है, बल्कि इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। 24 मई 2024 को हुए इस दुर्घटना की जड़ें दरअसल पहले से ही देखी जा सकती थीं, जब क्रिस्टल एविएशन कंपनी का हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण आपात लैंडिंग के लिए मजबूर हुआ था। उस समय पायलट की सूझबूझ ने यात्रियों की जान बचा ली, लेकिन यह घटना इस बात का संकेत थी कि हेलिकॉप्टर की स्थिति में सुधार की जरूरत थी।

घटना का विस्तार

24 मई को हुए इस घटना में पायलट ने अपनी उत्कृष्ट कुशलता का परिचय देते हुए हेलिकॉप्टर को सुरक्षित लैंड करवा लिया था, हालांकि यह लैंडिंग केदारनाथ हेलीपैड से कुछ दूरी पहले की गई थी। हेलीपैड से थोड़ी दूरी पर हेलिकॉप्टर को उतारने का निर्णय शायद इस वजह से लिया गया था क्योंकि हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति ने हेलीपैड तक पहुंचने का जोखिम उठाने की अनुमति नहीं दी थी।

हेलिकॉप्टर की मरम्मत 

घटना के बाद, हेलिकॉप्टर को गौचर हवाई पट्टी पर ले जाने का निर्णय लिया गया। इस कार्य को अंजाम देने के लिए भारतीय वायु सेना के MI-17 हेलिकॉप्टर का सहारा लिया गया। हेलिकॉप्टर को लिफ्ट करके ले जाने का यह कार्य अपनी जगह पर जोखिम भरा था, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों और वायु सेना के पायलटों के अनुभव के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था।

शनिवार की सुबह जब इस ऑपरेशन को शुरू किया गया, तो शुरुआत में सब कुछ सामान्य लग रहा था। MI-17 हेलिकॉप्टर ने क्रिस्टल एविएशन के हेलिकॉप्टर को लिफ्ट कर लिया और उसे गौचर हवाई पट्टी की ओर ले जाने लगा। हालांकि, थोड़ी दूरी पर पहुंचने के बाद, हेलिकॉप्टर के वजन और हवा के प्रभाव से MI-17 का बैलेंस बिगड़ने लगा। इस स्थिति में पायलट के पास सीमित विकल्प थे। थारु कैंप के पास पहुंचते ही पायलट ने स्थिति का आकलन किया और हेलिकॉप्टर को सुरक्षित रूप से घाटी में ड्रॉप करने का निर्णय लिया। यह एक जोखिम भरा निर्णय था, लेकिन शायद यह सबसे सही था क्योंकि इससे किसी भी तरह की और बड़ी दुर्घटना से बचा जा सकता था।

घटना के बाद की प्रतिक्रिया

हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंची। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने इस मामले में बयान जारी किया और कहा कि हेलिकॉप्टर में कोई यात्री या सामान नहीं था, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि किसी की जान नहीं गई। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस दुर्घटना के बाद किसी भी तरह की अफवाह न फैलाई जाए।

रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का आकलन किया और दुर्घटना की जांच शुरू कर दी गई। इस तरह की घटनाओं में प्रमुख रूप से दुर्घटना की वजहों को जानना और उनसे भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना आवश्यक होता है।

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