Kangana Ranaut: बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। कंगना ने अपने एक्टिंग करियर के बाद अब राजनीती में चली गई हैं और वह आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसती नजर आई हैं।
इस बार कंगना ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सदन में ‘बजट का हलवा बंटने’ वाले बयान पर पलटवार किया है। एक बातचीत के दौरान कंगना रणौत ने कहा, ‘राहुल गांधी क्या कहते हैं, उनकी बात का कोई तुक समझ नहीं आता है’।
राहुल गांधी को लेकर बोलीं कंगना
बता दें कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में केंद्रीय बजट से पहले होने वाली ‘हलवा सेरेमनी’ की फोटो का जिक्र किया और सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि ‘बजट का हलवा बंट रहा है लेकिन देश को हलवा मिल ही नहीं रहा’।
राहुल का भाषण सुनकर सामने बैठीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हंस पड़ी थीं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा था, ‘मैं ये फोटो समझाना चाह रहा हूं। बजट का हलवा बंट रहा है। फोटो में मुझे कोई ओबीसी अफसर नहीं दिख रहा। कोई आदिवासी अफसर नहीं, कोई दलित अफसर नहीं। ये क्या हो रहा है।
देश का हलवा बंट रहा है और इसमें 73 प्रतिशत कहीं हैं ही नहीं।’ वहीं कंगना ने राहुल गांधी के उसी भाषण पर उनके ऊपर हमला बोला है। कंगना ने कहा, ‘राहुल जी के बारे में हम क्या कहें। उनकी किसी बात का न कोई तुक है और न कोई ढंग है। न ही हमें उनकी कोई बात समझ आती है।
आपने खुद देखा है कि उनकी चक्रव्यूह वाली बात कहना। उनकी जो निंदाजनक बात है, वो देश के प्रति जिस तरह से शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ‘देश का हलवा बंट रहा है और सब खा रहे हैं’, उनकी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी देश के कई बजट बनाए हैं और आज देश के बजट को हलवा कहना और देश को मिल-बांटकर खाना…. इस तरह की बातें करना देश के लिए अच्छी बात नहीं है’।
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कंगना ने सुनाई खरी- खोटी
कंगना ने आगे कहा, ‘खासकर अनुराग ठाकुर जी ने कहा है कि ये जो कांग्रेस की जो मानसिकता है देश का बंटवारा करके खाना, ये नेहरू के समय से चली आ रही है और इस मानसिकता तो बदलना है। देश कोई खाने की नहीं की चीज नहीं, यह सेवा की चीज है। आप नेता हैं तो देश की सेवा के लिए बने हैं। देश खाकर और बांटकर नहीं बनता। देश का जो बजट है वह भी एक संवैधानिक तरीके से बनता है उसे भी मान मिलना चाहिए’।