Friday, November 22, 2024
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K Sanjay Murthy : के. संजय मूर्ति बने भारत के नए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

K Sanjay Murthy: के. संजय मूर्ति ने 21 नवंबर, 2024 को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) का पदभार संभाला। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1989 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं।

K Sanjay Murthy: के. संजय मूर्ति ने 21 नवंबर, 2024 को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) का पदभार संभाला। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1989 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। मूर्ति ने गिरीश चंद्र मुर्मू की जगह ली, जिन्होंने सीएजी के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। मूर्ति के कार्यभार ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रशासनिक अनुभव और जिम्मेदारियाँ

के. संजय मूर्ति को प्रशासनिक क्षेत्र में तीन दशक से अधिक का अनुभव है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग में सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नीतिगत सुधारों को लागू करने में योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में शहरी विकास से जुड़े प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर काम किया।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में मूर्ति ने भारत में औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कार्य किए। वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जहां उन्होंने मीडिया और सूचना के क्षेत्र में नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार किए।

सीएजी का महत्व | K Sanjay Murthy

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) का पद भारत के संवैधानिक ढांचे में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह संस्था केंद्र और राज्य सरकारों के वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है। सीएजी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट्स संसद और विधानसभाओं में चर्चा का आधार बनती हैं।

के. संजय मूर्ति ने अपने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि वह वित्तीय जिम्मेदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका उद्देश्य सरकारी संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करना है।

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मूर्ति के कार्यकाल में सीएजी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि देश डिजिटल क्रांति, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और अन्य बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं के दौर से गुजर रहा है। सीएजी को सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना होगा।

नए सीएजी से लोगों की उम्मीदें

उनके विविध प्रशासनिक अनुभव से यह उम्मीद की जा रही है कि वह वित्तीय प्रशासन में सुधार और निगरानी की प्रक्रिया को और मजबूत करेंगे। मूर्ति के नेतृत्व में सीएजी से न केवल सरकारी वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपेक्षा है, बल्कि राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में मदद करने की भी उम्मीद है।

के. संजय मूर्ति का अनुभव और विशेषज्ञता सीएजी के कार्यों को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने में सहायक साबित होगी। भारत के वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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