आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को दो नए जज मिले हैं। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के सभी जज मौजूद रहे हैं। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने दोनों जजों को शपथ दिलाई। जजों की नियुक्ति के लिए 16 मई को ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश की गई थी। केंद्र सरकार द्वारा इस पर तेजी से काम किया गया और अब 19 मई को दोनों जजों ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ भी ले ली।
2030 में CJI बनेंगे विश्वनाथन
यहां आपको ये भी जानकारी दे दें कि केवी प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन 25 मई 2031 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहेंगे। केवल इतना ही नहीं 11 अगस्त 2030 को जस्टिस जेबी पारदीवाला के सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे। बार काउंसिल से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले वकीलों की सूची में विश्वनाथन 10वें जज बन गए हैं। इसके अलावा वकील से सीधे जज के बाद मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे चौथे व्यक्ति होंगे। विश्वनाथन का जन्म 26 मई, 1996 को हुआ था। उन्होंने कोयंबटूर लॉ कॉलेज, भरतियार विश्वविद्यालय से पांच साल की लॉ की डिग्री पूरी की हैं।
वहीं प्रशांत कुमार मिश्रा की बात करें तो उन्हें 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया।
फुल स्ट्रेंथ से काम करेगा SC
इन दो जजों की नियुक्त के साथ अब शीर्ष न्यायालय में कोई भी पद खाली नहीं रह गया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 34 हैं। हालांकि इसमें फिलहाल दो पद रिक्त चल रहे थे। इसका मतलब ये हुआ कि सुप्रीम कोर्ट अब अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सकेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट केवल कुछ समय के लिए पूरी क्षमता से काम कर पाएगी, क्योंकि न्यायमूर्ति केएम जोसेफ 16 जून, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी 17 जून, न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम 29 जून और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी आठ जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में चार और रिक्तियां होंगी।
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