Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के अध्यक्ष पद पर जस्टिस जयंत नाथ को बने रहने की अनुमति दी है। जस्टिस नाथ को अगस्त 2023 में प्रो-टेम आधार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया था, जब दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर गतिरोध चल रहा था। यह निर्णय दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच नियुक्ति से जुड़े विवाद के निपटारे तक के लिए किया गया है।
मामले की जड़ में, डीईआरसी के पिछले अध्यक्ष, इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शबीहुल हसनैन का 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना था। इसके बाद जनवरी 2023 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति का प्रस्ताव दिल्ली के उपराज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। लेकिन इस प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं हुई, जिससे डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर करीब 4 महीने तक कोई नियुक्ति नहीं हो सकी।
उपराज्यपाल का यह तर्क था कि इस नियुक्ति को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सहमति की आवश्यकता है। इस पर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया कि केवल उस हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सहमति आवश्यक है, जहां से सिफारिश करने वाले जज रिटायर्ड हुए हैं। इस आदेश के बाद भी जस्टिस श्रीवास्तव ने पद स्वीकार करने में कठिनाई जताई, जिससे स्थिति और जटिल हो गई।
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इसके बाद दिल्ली सरकार ने 21 जून, 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस संगीत लोढ़ा का नाम प्रस्तावित किया, लेकिन उसी दिन राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार को इस पद पर नियुक्त कर दिया। दिल्ली सरकार ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई और सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया।
कोर्ट ने बाद में दोनों पक्षों से सहमति से एक नाम प्रस्तावित करने को कहा, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई। परिणामस्वरूप, सुप्रीम कोर्ट ने अपने विवेक से जस्टिस जयंत नाथ को नियुक्त कर दिया। अब जस्टिस नाथ 65 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद अपने पद पर बने रहेंगे, जब तक कि नियुक्ति से जुड़े विवाद का निपटारा नहीं हो जाता।
यह निर्णय दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर जारी मतभेद को सुलझाने का एक अस्थायी समाधान है।