उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और सड़कों व घरों में बढ़ रही दरारों के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। वैसे तो इस क्षेत्र के लिए ये कोई नई बात नहीं है। क्योंकि इस तरह की दरारें कई वर्षों से यहां देखी जा रही है। लेकिन इन दरारों का पहले से अधिक गहरा हो जाना चिंता का विषय बनता दिख रहा है। दरअसल, यहां के भवनों, सड़कों और खेतों में आ रही दरारों से कुछ स्थानों पर पानी रिसने की घटना भी सामने आई है। स्थानीय लोगों को इस समस्या के कारण घरों से बाहर रातें गुजारनी पड़ रही है। वहीं जोशीमठ की बिगड़ती स्थिति को देखकर जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का निर्देश लागू किया है।
जोशीमठ पर सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी के द्वारा जोशीमठ का दौरा
जोशीमठ के हाल का जायजा लेने खुद मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ ग्राउंड पहुँचे। इस दौरान उन्होंने यहां प्रभावितों से बातचीत की। कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्राथमिकता है। सीएम ने जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में दरार को लेकर आईटीबीपी परिसर में प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक भी की। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली। शुक्रवार को उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
जोशीमठ आपदा पर पीएम ने संभाली कमान
जोशीमठ पर आई इस आपदा पर खुद पीएम मोदी कदम उठाए है। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और निवासियों की सुरक्षा सुनिच्श्रित करने का सुझाव दिया। उन्होंने सीएम धामी से जोशीमठ से उजड़ चुके लोगों के पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों की भी जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को जरूरी मदद देने का भी भरोसा दिया। वहीं केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि तात्कालिक प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा करना है।