Jharkhand High Court: झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत वेटनरी डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति की उम्र को एलोपैथिक डॉक्टरों के समान 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय झारखंड सरकार के पशुपालन विभाग के वेटनरी डॉक्टर डॉ. रतन कुमार दुबे सहित पांच अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लिया गया। इस निर्णय से वेटनरी डॉक्टरों को उनके कार्यकाल में अधिक स्थिरता और उनके अनुभव का बेहतर उपयोग करने का अवसर मिलेगा।
उच्च न्यायालय का निर्णय
न्यायालय ने झारखंड सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वेटनरी डॉक्टर्स को एलोपैथिक डॉक्टरों की भांति सेवा लाभ और सेवानिवृत्ति आयु का लाभ प्रदान किया जाए। यह निर्देश केंद्र सरकार की छठे पेग्रेड की सिफारिशों को अंगीकृत करने के आधार पर दिया गया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, वेटनरी और एलोपैथिक डॉक्टरों को समान सेवा लाभ प्रदान किया जाना चाहिए।
डायनामिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी)
अदालत ने वेटनरी डॉक्टरों को डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन) का लाभ देने का भी आदेश दिया है। डीएसीपी के तहत कर्मचारियों को नियमित अंतराल पर पदोन्नति और वेतनमान में वृद्धि का लाभ मिलता है, जिससे उनके करियर में विकास की संभावना बनी रहती है। यह निर्णय वेटनरी डॉक्टरों की सेवाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें बेहतर सेवा लाभ प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का समन्वय
झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की छठे पेग्रेड की सिफारिशों को अपनाया है, जिसमें वेटनरी और एलोपैथिक डॉक्टरों को समान सेवा लाभ देने की बात कही गई है। इस सिफारिश में सेवा की शर्तों, वेतनमान, और सेवानिवृत्ति की आयु को समान बनाने का प्रावधान है। अदालत ने कहा कि झारखंड के पशुपालन विभाग के वेटनरी डॉक्टरों को भी इस नीति का लाभ दिया जाना चाहिए।
निर्णय का महत्व
यह निर्णय न केवल वेटनरी डॉक्टरों के अधिकारों को मान्यता देता है, बल्कि झारखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं को भी मजबूती प्रदान करेगा। वेटनरी डॉक्टरों की बढ़ी हुई सेवा अवधि से प्रदेश में पशुधन की देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
राज्य सरकार की भूमिका
अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वेटनरी डॉक्टरों को उनकी सेवाओं के लिए उचित सम्मान और लाभ मिलें। डीएसीपी और सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि जैसे कदमों से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और उनकी सेवाओं का राज्य के पशुपालन और कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
झारखंड उच्च न्यायालय का यह निर्णय राज्य में वेटनरी डॉक्टरों के हितों की रक्षा और उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल वेटनरी डॉक्टरों को बेहतर सेवा लाभ मिलेगा, बल्कि यह राज्य की पशु चिकित्सा सेवाओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। राज्य सरकार को इस आदेश को शीघ्रता से लागू करते हुए वेटनरी डॉक्टरों के लिए अनुकूल कार्य परिवेश सुनिश्चित करना चाहिए।