Jaya Ekadashi 2023 : हर वर्ष माघ शुक्ल एकादशी के दिन जया एकादशी का व्रत रखा जाता हैं। हिन्दू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। आज यानी 1 फरवरी 2023 को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ नियमपूर्वक भगवान विष्णु जी की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं। एकादशी व्रत के नियम जितने महत्वपूर्ण होते है। उतने ही व्रत के पारण का नियम भी अहम होता है।
मान्यता के मुताबिक जया एकादशी व्रत (Jaya Ekadashi 2023) का पारण हमेशा हरि वासर के बाद ही करना चाहिए। अगर आपको किसी कारणवश व्रत को बीच में छोड़ना भी पड़ता है तो हरि वासर के बाद ही पारण करें। नहीं तो मनुष्य को बड़ा पाप लग सकता हैं।
हरि वासर में क्यों नहीं करते व्रत का पारण
हिन्दू मान्यता के अनुसार हरि वासर के समय जया एकादशी व्रत का पारण करना वर्जित होता हैं। इस समय पारण करने से मनुष्य को व्रत के फल की जगह पाप लगता है। हालांकि द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले व्रत का पारण किया जा सकता है। इस बार जया एकादशी व्रत (Jaya Ekadashi 2023) का पारण 02 फरवरी 2023 की सुबह 07:09 से लेकर 09:19 के बीच होगा। जबकि द्वादशी तिथि आज शाम 04:26 पर समाप्त होगी। इसके अलावा जो लोग 1 फरवरी को ही व्रत का पारण करना चाहते है तो वो आज 09 बजे के बाद कर सकते हैं।
सूर्योदय के बाद ही करें व्रत का पारण
इस बार माघ माह की शुक्ल द्वादशी तिथि का आरंभ आज यानी 1 फरवरी 2023 की दोपहर 02:01 से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन यानी 2 फरवरी की शाम 04:26 पर होगा। बता दें कि हमेशा सूर्योदय के बाद ही जया एकादशी व्रत (Jaya Ekadashi 2023) का पारण करना चाहिए। हालांकि कई बार दो दिन तक एकादशी के होने से व्रत का पारण अगले दिन की दोपहर या शाम में भी हो सकता है। लेकिन ये तभी होता है जब व्रत की तिथि दो दिन की होती हैं।
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