Israel : मिडिल ईस्ट में मौजूदा संघर्ष के हालात और इजरायल-फिलिस्तीन के बीच बढ़ते तनाव ने विश्व की नजरें इस इलाके पर टिकाई हुई हैं। इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उन्होंने गाजा के उत्तरी हिस्से में हमास के ड्रोन कमांडर महमूद अल-मबौह को मार गिराया है।
आईडीएफ के अनुसार, मबौह इजरायली नागरिकों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमलों के लिए जिम्मेदार थे और उनकी उपस्थिति से सुरक्षा पर गहरा खतरा मंडरा रहा था। इसके साथ ही, जबालिया और राफा क्षेत्र में किए गए हमलों में 50 से अधिक हमास आतंकवादी मारे गए हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ गया है।
शरणार्थी शिविरों पर बमबारी
इस संघर्ष के चलते कई निर्दोष नागरिक भी प्रभावित हुए हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के बड़े शरणार्थी शिविरों में से एक, जबालिया के अल-फलूजा के निकट की इजरायली बमबारी में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी बताया कि दक्षिणी गाजा में स्थित पूर्वी खान यूनिस के बानी सुहैला शिविर में भी इजरायली हवाई हमले के दौरान 10 लोग मारे गए हैं। इन शरणार्थी शिविरों पर हमलों से नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है और इसे मानवता के खिलाफ कदम माना जा रहा है।
जबालिया क्षेत्र पर इजरायल का जोर
पिछले कुछ दिनों में इजरायली सेना ने जबालिया पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। मंगलवार को एक इजरायली हवाई हमले में गाजा शहर के सबरा इलाके में तीन घर तबाह हो गए, जिसमें से दो लोगों के शव बरामद किए गए, जबकि 12 अन्य लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, लापता लोग संभवतः मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इजरायली सेना द्वारा पिछले 10 दिनों से जबालिया क्षेत्र को निशाना बनाया जा रहा है और उत्तरी क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रही है।
लेबनान में इजरायल का सैन्य हस्तक्षेप
मिडिल ईस्ट की जंग केवल गाजा तक सीमित नहीं है; इजरायल ने लेबनान के खिलाफ भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। 15 अक्टूबर 2024 को इजरायल ने पूर्वी लेबनान के बेका घाटी में हवाई हमले किए, जिनमें बालबेक शहर के आसपास के आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। इन हमलों के बाद ऊपरी गैलिली में सायरन बजने लगे, क्योंकि लेबनान से इजरायल में दो ड्रोन घुसपैठ का प्रयास करते दिखे। हालांकि, इन ड्रोन हमलों से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, पर इन घटनाओं ने इजरायल-लेबनान सीमा पर भी तनाव को और भड़का दिया है।
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नागरिकों की हालत
इस निरंतर संघर्ष ने गाजा पट्टी के नागरिकों को एक गहरे संकट में डाल दिया है। अस्पतालों में उपचार के लिए संसाधन सीमित हैं, और दैनिक जीवन अत्यधिक कठिन हो गया है। स्कूल, बाजार और धार्मिक स्थल भी निशाना बन रहे हैं, जिससे आम जनता भयभीत और असहाय महसूस कर रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हिंसा पर चिंता जताई है, परन्तु इस संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास अभी सफल नहीं हो पाए हैं। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों ने नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और तत्काल संघर्षविराम की अपील की है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं।
बढ़ता सैन्य खर्च
इजरायल और हमास के बीच इस हिंसा में लगातार सैन्य खर्च बढ़ रहा है। इजरायल ने अपनी सेना की गतिविधियों को तेज कर दिया है, जिसमें आधुनिक हथियारों और तकनीकी समर्थन का उपयोग हो रहा है। इस संघर्ष के बढ़ने से भविष्य में मध्य पूर्व के अन्य देशों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर उन देशों पर जो फिलिस्तीन के समर्थन में हैं। इस स्थिति को देखते हुए यह संभावना बढ़ गई है कि संघर्ष अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकता है और इससे वैश्विक स्थिरता पर भी गहरा असर पड़ सकता है।
मिडिल ईस्ट का यह संघर्ष न केवल इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का मुद्दा है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गया है। गाजा में नागरिकों की स्थिति अत्यधिक गंभीर है, और लगातार बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय शांति को भी संकट में डाल दिया है। इस जंग को शांति की ओर मोड़ने के लिए सभी पक्षों को जल्द से जल्द सार्थक वार्ता की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र में स्थिरता वापस लाई जा सके और निर्दोष नागरिकों को इस त्रासदी से उबारा जा सके।