Israel and Hezbollah: इजरायल ने अपने परंपरागत दुश्मन हिजबुल्लाह के गढ़ लेबनान में बड़े हमले किए हैं। इन हमलों में कम से कम 500 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। इजरायल और लेबनान स्थित शिया आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह के बीच दुश्मनी दशकों पुरानी है। हिज़बुल्लाह की स्थापना 1980 के दशक में हुई थी, जब इजरायल ने लेबनान पर आक्रमण किया था।
इस संगठन का मुख्य उद्देश्य इजरायल को क्षेत्र से खत्म करना और अपनी राजनीतिक व सैन्य ताकत बढ़ाना है। दोनों के बीच कई संघर्ष हुए हैं, जिनमें से 2006 का युद्ध सबसे प्रमुख रहा, जब हिज़बुल्लाह ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे थे, जिससे इजरायल को भारी नुकसान हुआ। इसके जवाब में इजरायल ने अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली आयरन डोम विकसित की।
आयरन डोम: इजरायल का सुरक्षा कवच
आयरन डोम, इजरायल की सबसे आधुनिक व प्रभावशाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसे खासतौर से अल्पविकसित रॉकेटों और मिसाइलों से देश को बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी खासियत यह है कि यह हर मौसम में काम करता है और इजरायल की आबादी वाले क्षेत्रों में गिरने वाले रॉकेटों का पता लगाकर उन्हें मार गिराता है। इस प्रणाली में तीन मुख्य घटक होते हैं:
- रडार सिस्टम – जो खतरे का पता लगाता है और उसकी ट्रैकिंग करता है।
- युद्ध प्रबंधन व हथियार नियंत्रण – यह रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों के बीच संपर्क स्थापित करता है।
- मिसाइल फायरिंग यूनिट – यह इंटरसेप्टर मिसाइलें दागता है, जो हमलावर रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर देती हैं।
आयरन डोम को पहली बार 2011 में हमास द्वारा दागी गई मिसाइलों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था। तब से लेकर अब तक यह प्रणाली इजरायल के लिए एक ढाल के रूप में काम कर रही है, जो देश पर होने वाले हमलों को 90% तक रोकने में सफल रही है।
ऑपरेशन एंतेबे: मोसाद और इजरायली सेना का एक असाधारण मिशन | Israel and Hezbollah
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और इजरायली सेना ने मिलकर कई सफल ऑपरेशन किए हैं, जिनमें ऑपरेशन एंतेबे (जिसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट भी कहा जाता है) सबसे चर्चित है। 27 जून, 1976 को पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलीस्तीन के दो सदस्यों ने जर्मन आतंकियों के साथ मिलकर एक फ्रांसीसी विमान को हाईजैक कर लिया और उसे युगांडा के एंतेबे एयरपोर्ट ले गए। इसमें 246 यात्री और क्रू के 12 सदस्य थे, जिनमें से कई इजरायली और यहूदी थे। बंधकों को बचाने के लिए इजरायली सेना और मोसाद ने एक अभूतपूर्व ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस ऑपरेशन में 200 इजरायली कमांडोज ने भाग लिया, जिन्होंने मोसाद से मिली जानकारी के आधार पर एंतेबे एयरपोर्ट पर हमला कर बंधकों को मुक्त किया। इस मिशन में सभी आतंकियों को मार गिराया गया, हालांकि इजरायली कमांडो यूनिट के लीडर और इजरायल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई योनातन नेतन्याहू इस ऑपरेशन में शहीद हो गए थे।
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मोसाद की रणनीति और हिज़बुल्लाह पर हमला
हाल के हिज़बुल्लाह के खिलाफ इजरायल द्वारा किए गए हमले, मोसाद की सटीक खुफिया जानकारी और आयरन डोम की रक्षा प्रणाली का परिणाम हैं। मोसाद ने पूरे लेबनान में 1600 से अधिक संभावित लक्ष्यों की पहचान की, जिनमें हिज़बुल्लाह के ठिकाने और उनके लड़ाके शामिल थे। इसके बाद इजरायली सेना ने इन ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में इजरायली डिफेंस सिस्टम ने हिज़बुल्लाह के कई रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे हिज़बुल्लाह को बड़ा नुकसान हुआ। खबरों के अनुसार, 300 से अधिक मिसाइल हमलों में 500 से ज्यादा लोग मारे गए और 1600 से अधिक घायल हुए।
आयरन डोम बनाम भारत का S-400 ट्रायम्फ
इजरायल का आयरन डोम और भारत का S-400 ट्रायम्फ दोनों ही अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली हैं, लेकिन उनकी कार्यक्षमता और उपयोगिता में अंतर है। आयरन डोम का मुख्य उद्देश्य कम दूरी के रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचाव करना है, जबकि S-400 लंबी दूरी के खतरे, जैसे क्रूज मिसाइलों, विमानों, और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। S-400 की रेंज 400 किलोमीटर है और यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। यह प्रणाली रूस द्वारा विकसित की गई है और भारत ने इसे अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए हासिल किया है।
अमेरिका का सहयोग
इजरायल की आयरन डोम प्रणाली को और मजबूत करने के लिए अमेरिका ने इजरायल को दो आयरन डोम बैटरियां दी हैं, जो बिना रुके काम कर सकती हैं। इसके अलावा, अमेरिका जल्द ही इजरायल को टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) और पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की बैटरियां भी मुहैया कराने वाला है, जिससे इजरायल की मिसाइल रक्षा प्रणाली और अधिक प्रभावी हो जाएगी।
इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच का संघर्ष नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है, जहां मोसाद और इजरायली सेना की ताकत और आधुनिक तकनीक के सहारे इजरायल ने हिज़बुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचाया है। आयरन डोम ने इजरायल की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है, जिससे इजरायल पर दागे गए रॉकेटों को नष्ट कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। भविष्य में यह संघर्ष किस दिशा में जाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इजरायल की तकनीकी क्षमता और सैन्य रणनीति उसे एक सशक्त और सुरक्षित राष्ट्र बनाए रखेगी।