Inflation rate in India: देश में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर छोटी कंपनियां मुहैया करा रही हैं। मौजूदा वर्ष 2024 में सितंबर महीने तक मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड और सर्विसेज से जुड़े छोटे बिजनेस ने 11 मिलियन यानी 1.10 करोड़ नौकरियां दी हैं। इसके चलते इन छोटी कंपनियों में काम करने वालों की संख्या पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 109.6 मिलियन (10.96 करोड़) से बढ़कर 120.6 मिलियन (12.06 करोड़) तक पहुंच गई है।
महंगाई का असर वेतन बढ़ोतरी पर
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अधिक महंगाई का असर कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी पर पड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था 7% की दर से ग्रोथ दिखा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के लिए बेरोजगारी को नियंत्रित करना अब भी सबसे बड़ी चुनौती है। इसी हफ्ते 24 दिसंबर 2024 को जारी सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, स्मॉल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस, जिनमें गार्मेंट्स, ऑटो कॉम्पोनेंट और फूड प्रोसेसिंग जैसी कंपनियां शामिल हैं, उनकी संख्या 2022-23 के 17.83 मिलियन (1.783 करोड़) से बढ़कर 2023-24 में 20.15 मिलियन (2.015 करोड़) हो गई है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड और सर्विसेज से जुड़े छोटे बिजनेस करने वालों की संख्या 65 मिलियन (6.5 करोड़) से बढ़कर 73.4 मिलियन (7.34 करोड़) हो गई है।
छोटे बिजनेस सबसे ज्यादा देते हैं रोजगार
सांख्यिकी मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने कहा कि अनइनकॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल सेक्टर, जिसमें छोटी मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस, ट्रेड और अन्य सर्विसेज शामिल हैं, अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के दौरान छोटे बिजनेस की संख्या में 12.84% का उछाल आया है और रोजगार के अवसरों में 10% की बढ़ोतरी हुई है।
ग्रामीण या स्लम इलाकों में छोटे बिजनेस
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर छोटे बिजनेस ग्रामीण इलाकों या शहरों की झुग्गी बस्तियों में संचालित होते हैं। महंगाई के कारण इन क्षेत्रों में काम करने वालों की वेतन वृद्धि पर असर पड़ा है। नॉमिनल टर्म्स के आधार पर 2023-24 में इन कर्मचारियों का औसत वेतन 13% बढ़कर 141,071 रुपये (1656 डॉलर) हो गया है। हालांकि, यह वृद्धि देश की औसतन 5.5% महंगाई दर के मुकाबले मामूली मानी जा रही है।
औसत आय की स्थिति
इन छोटे बिजनेस में काम करने वालों की औसत आय राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति आय (2800 डॉलर) से काफी कम है। इसके बावजूद, इन छोटे व्यवसायों का रोजगार प्रदान करने में बड़ा योगदान है।
अर्थव्यवस्था में छोटी कंपनियों का योगदान
छोटे बिजनेस भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरे हैं। ये न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं बल्कि सामाजिक असमानता को भी कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, महंगाई और कम वेतन वृद्धि जैसी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है ताकि इन व्यवसायों के कर्मचारियों का जीवन स्तर बेहतर हो सके।