India-China relationship : दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहे ब्रिक्स समूह के एनएसए की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने सोमवार देर रात चीन के एनएसए वांग से मुलाकात की। भारत के जेम्स बॉन्ड के तौर पर मशहूर डोवाल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी में सीनियर ऑफिशियल वांग के साथ इस मुलाकात में भारत-चीन के बीच कम हो रहे विश्वास को लेकर बात की। डोभाल ने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जो स्थिति है उसकी वजह से आपसी भरोसा कम हुआ है। वांग ने भी डोभाल से दोनों देशों के बीच रिश्तों को स्थिर करने की बात कही।
चीन के विदेश मंत्रालय ने जारी किया रीडआउट
चीन के पूर्व विदेश मंत्री रहे वांग को जानकार राष्ट्रपति शी जिनपिंग का करीबी कहते हैं। चीन के वो विदेशी मामलों के मुखिया भी हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से वांग यी के बयान का रीडआउट जारी किया गया है। यी ने डोभाल से कहा है कि ऐसी नीतियों को निर्धारित किया जाए जिससे आपसी भरोसे का निर्माण हो। साथ ही आपसी सहयोग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। वांग ने स्पष्ट किया कि चीन और भारत कोई खतरा नहीं हैं बल्कि एक-दूसरे के लिए विकास के अवसर प्रदान करते हैं।
BRICS: NSA Ajit Doval meets Chinese diplomat Wang Yi in South Africa, highlights need to restore peace in border areas
Read @ANI Story | https://t.co/HNnihhgDlW#BRICS #AjitDoval #IndiaChina #WangYi pic.twitter.com/mLBMfqR1cj
— ANI Digital (@ani_digital) July 25, 2023
भारत ने चीनी कंपनी को दिया बड़ा झटका
गौरतलब है कि हाल ही में भारत की तरफ से चीन की टेस्ला कही जाने वाली इलेक्ट्रिक कार कंपनी BYD के प्रोजेक्ट भारत सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया था। एलन मस्क के टेस्ला को चुनौती देने के लिए BYD के भारत में बड़े प्लान थे। वो भारत के कंपनियों के साथ मिलकर लगभग 1 बिलियन डॉलर का निवेश करना चाहते थे। हालांकि, भारत ने प्रोजेक्ट को खत्म करके चीन को बड़ा झटका दिया है। खास बात यह भी है कि इससे टेस्ला को बड़ा फायदा होने वाला है। टेस्ला को चुनौती देने के लिए कोई बड़ा कंपनी भारत में फिलहाल नहीं है। पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद एलन मस्क ने कहा था कि वो भारत में बहुत जल्द टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले हैं। भारत के लोगों के लिए अलग से कार का निर्माण करेंगे जो करीब 20 लाख रुपये की होगी।
चीन-भारत के बीच विश्वास की कमी
विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने भारत-चीन सीमा विवाद पर बात की। एनएसए ने कहा कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है। इस मौके पर स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके।
बता दें कि लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। जयशंकर ने इस मुद्दे को अपने लंबे राजनयिक करियर की सबसे जटिल चुनौती बताया है। भारत का कहना है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।