कुछ लोग अपनी आदत से बाज नहीं आते। भारत जैसे लोकतांत्रित देश को ज्ञान देना कुछ देशों की आदत ही बन चुकी है। अब ताजा मामला रामनवमी पर हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) भारत को सलाह देने चला था। लेकिन ऐसा करना उन्हें भारी पड़ गया। क्योंकि भारत ने OIC की जमकर क्लास दी।
मामला कुछ ऐसा है कि रामनवमी से ही देश में कई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार समेत कई राज्यों में हिंसा का दौर लगातार जारी है। इसको लेकर ही OIC ने एक बयान दिया। संगठन ने कहा कि रामनवमी पर हुई हिंसा में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार में मदरसा और उसकी लाइब्रेरी को भी नुकसान पहुंचाने की बात कही गई। इस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई। भारत ने OIC के बयान की निंदा करते हुए इसे भारत विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया है।
OIC को भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने OIC की आलोचना करते हुए कहा- “हम भारत के संबंध में OIC सचिवालय की ओर से जारी बयान की कड़ी निंदा करते हैं। OIC का ये बयान उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है। बयान में आगे ये भी कहा गया है कि OIC सिर्फ भारत विरोधी ताकतों से गुमराह होकर अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
क्या कहा था OIC ने?
रामनवमी हिंसा के संबंध में OIC ने सोमवार को एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था- “OIC रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा औऱ तोड़फोड़ जैसी गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। हिंदुओं की भीड़ ने बिहारशरीफ में मदरसों के साथ ही लाइब्रेरी को भी आग के हवाले किया। OIC हिंसा और बर्बरात के इन कृत्यों की निंदा करता है। इसके साथ ही OIC भारतीय अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और देश में मुस्लिम समुदाय सुरक्षा, सुरक्षा अधिकार और सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान करता है।“
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