India Flight Bomb Threat Case: पिछले कुछ दिनों और महीनों में देश में हवाई जहाजों को बम से उड़ाने की धमकियों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 5 दिनों में 100 से अधिक एयरलाइंस को धमकी मिल चुकी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें उड्डयन मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देश के हवाई अड्डों और उड़ानों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करना और उन्हें और सुदृढ़ बनाना था।
बैठक में विमानों की सुरक्षा बढ़ाने, निगरानी तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने, और संभावित खतरों से निपटने के लिए जरूरी उपायों पर चर्चा की गई। यह तय किया गया कि यात्रियों की सुरक्षा और हवाई सेवा की सुचारु व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एयरलाइंस द्वारा प्राप्त जानकारी पर डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही विमानन सचिव को सौंपा जाएगा। इस रिपोर्ट पर नागरिक उड्डयन मंत्री की मौजूदगी में चर्चा होने की संभावना है। पिछले कुछ घटनाओं की रिपोर्ट को नियमित रूप से नागरिक उड्डयन मंत्रालय तक पहुँचाया जा रहा है, ताकि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके।
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इन धमकियों की जांच में संसदीय पैनल भी शामिल है। हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने नागरिक उड्डयन ब्यूरो, सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) और हवाई अड्डे की सुरक्षा में लगे अन्य अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक के दौरान मंत्री ने हवाई अड्डों की सुरक्षा को और मजबूत करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव ने संसदीय पैनल को बताया कि धमकी देने वालों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि जिस समय दिल्ली में यह उच्च स्तरीय बैठक हो रही थी, ठीक उसी समय बेंगलुरु जा रही आकाश एयरलाइंस की एक उड़ान को बम की धमकी के बाद दिल्ली वापस लाया गया। इस उड़ान में 180 से अधिक यात्री सवार थे, और धमकी के बाद विमान को सुरक्षित रूप से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतारा गया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके चलते विमानों की आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी।
सरकार इन घटनाओं पर कड़ी नजर रखे हुए है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और भी कड़े सुरक्षा कदम उठाने की दिशा में काम कर रही है।