Monday, December 2, 2024
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India-Canada News: आखिर भारत से चाहते क्या हैं ट्रूडो, विवाद के पीछे क्या है मंशा ?

India-Canada News : विवाद की शुरुआत वर्ष 2023 में हुई थी जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के कुछ दिन बाद कनाडा ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट्स ने कनाडा में निज्जर की हत्या की है। हालांकि, भारत ने लगातार इस आरोप को खारिज किया है।

India-Canada News: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद ने कनाडा और भारत के कई परिवारों को चिंतित कर दिया है। दोनों के बीच तनाव अपने चरम पर है जहां रिश्तों में बेहद खटास आ चुकी है। मौजूदा वक्त में दोनों देशों के बीच संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। दोनों के बीच रिश्तों के सामान्य होने की संभावना कम दिख रही है। इस बार बात यहां तक आ पहुंची है कि भारत ने कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। कनाडा भी Five Eyes देशों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ हर वो संभव प्रयास कर रहा है जो वह कर सकता है? ऐसे में आइए देखते हैं कि आखिर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत के क्या चाहते हैं?

कहां से शुरू हुई थी विवाद की शुरुआत ?

India-Canada विवाद की शुरुआत वर्ष 2023 में हुई थी जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 18 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के कुछ दिन बाद कनाडा ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट्स ने कनाडा में निज्जर की हत्या की है। हालांकि, भारत ने लगातार इस आरोप को खारिज किया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर 2023 को कनाडा की संसद में आरोप लगाया कि भारत सरकार के एजेंटों ने ही हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की है। गौरतलब है कि एक साल से चल रहे इस विवाद में कनाडा ने अभी तक भारत को एक भी सबूत उपलब्ध नहीं कराये हैं।

India-Canada News: आखिर भारत से चाहते क्या हैं ट्रूडो, विवाद के पीछे क्या है मंशा

भारत-कनाडा संबंध में हालिया घटनाक्रम

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ट्रूडो ने अपनी कैबिनेट में भारत के खिलाफ अलगाववाद व अतिवाद का समर्थन करने वालों को जगह दी। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाना इसी सोच की अगली कड़ी है। उसके बाद कनाडा ने निज्जर मामले में भारतीय राजनयिकों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया और कहा कि इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। इसका मतलब कि कनाडा सरकार भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को इस मामले में संदिग्ध मान रही है।

कनाडा सरकार की इस हरकत के बाद भारत ने कनाडा को जमकर लताड़ लगाई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो सरकार की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को बेतुका बताया और पीएम ट्रूडो पर राजनीतिक एजेंडे और भारत की छवि को खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया। भारत सरकार का कहना है कि ट्रूडो सरकार वोट बैंक की राजनीति के चलते ये सब कर रही है। इसके बाद भारत में अपने रायनयिकों को कनाडा से भारत बुला लिया और 6 कनाडाई रायनयिकों को कनाडा वापस भेज दिया।

क्या है कनाडा के राजनीतिक चुनाव के मायने ?

हाल ही में कनाडा में उपचुनाव हुए हैं और जो टोरंटो की सीट 30 सालों से ट्रूडो की पार्टी के पास थी, उस पर विपक्षी पार्टी की जीत हुई। मॉन्ट्रियाल, जो उनका मजबूत गढ़ माना जाता है, वहां भी उनकी पार्टी की हार मिली है। उसके अलावा हाल ही में खालिस्तान के समर्थक जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया था।

गौर करने वाली बात यह भी है कि ट्रूडो अल्पमत में सरकार चला रहे हैं। दो बार नो कॉन्फ़िडेंस मोशन से भी बच कर निकल चुके हैं, लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि ये उनकी राजनीति के लिए संकट का समय है। उनकी अपनी पार्टी में भी उनके इस्तीफे की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि जस्टिन ट्रुडो भारत के खिलाफ यह मुद्दा उठाकर बेरोजगारी, महंगाई जैसी समस्याओं से अपने लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं।

India-Canada News: आखिर भारत से चाहते क्या हैं ट्रूडो, विवाद के पीछे क्या है मंशा

आखिर भारत के क्या चाहते हैं ट्रुडो ?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जस्टिन ट्रूडो की वोट बैंक पॉलिटिक्स है। इस बहाने वह सिख वोटर्स को अपनी तरफ लुभाना चाहते हैं। जस्टिन ट्रूडो के लिए यह मजबूरी भी है और वह अपनी सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रहे हैं। कनाडा में खालिस्तान लॉबी बहुत मजबूत है और उस लॉबी की ट्रूडो को जरूरत है। दूसरे शब्दों में अगर कहे तो ट्रूडो के इस कदम के पीछे खालिस्तान लॉबी भी हो सकती है, जिसने उन पर दबाव डाला। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए ट्रूडो ये पैतरें अपना रहे हैं। इसमें उनका राजनीतिक स्वार्थ है।

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