Thursday, October 17, 2024
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India-Canada Relations: कनाडा और भारत के बीच तल्ख हुए रिश्ते, कनाडा को भारत का करारा जवाब

India-Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव वर्तमान काफी तल्ख हो चुके है। यह तनाव 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उभर कर सामने आया। कनाडा ने इस हत्या के मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाए, जिनके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव चरम पर पहुँच गया है।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हत्या के मामले में कुछ संदिग्ध तत्व भारतीय एजेंसियों से जुड़े हुए हो सकते हैं। ट्रूडो का यह बयान द्विपक्षीय संबंधों पर भारी पड़ा और इसके जवाब में भारत ने भी कड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

इस बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने कुछ सबूत एकत्रित किए हैं और भारत से इस मामले में सहयोग का आग्रह किया है। जोली ने भारत से दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए जांच में साथ देने का आग्रह किया। उन्होंने इसे केवल भारत-कनाडा ही नहीं, बल्कि वैश्विक लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया और उम्मीद जताई कि भारत इस मामले में सहयोग करेगा।

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कनाडा और भारत के रिश्तों पर असर

भारत-कनाडा के संबंध हमेशा से विविधता में निहित रहे हैं। दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिनमें विशेष रूप से भारतीय समुदाय का योगदान महत्वपूर्ण है। भारत-कनाडा के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक दूसरे की अर्थव्यवस्था का सम्मान करने का भाव रहा है, लेकिन वर्तमान घटनाक्रम ने इन संबंधों में खटास ला दी है। कनाडा में बसे कई भारतीयों और सिख समुदाय के लिए हरदीप सिंह निज्जर की हत्या गहरी चिंता का विषय बनी हुई है। इस मामले में भारत पर लगे आरोपों ने दोनों देशों के संबंधों में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।

जस्टिन ट्रूडो का बयान और अमेरिका का रुख

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर हत्या के मामले को लेकर भारत पर आरोप लगाते हुए इसे गंभीर घटना करार दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और इसी प्रकार भारत से भी ऐसी उम्मीद करता है। ट्रूडो का बयान न केवल कनाडा बल्कि अन्य देशों में भी चर्चा का विषय बन गया। अमेरिका ने भी इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, और अपने दो करीबी साझेदार देशों के बीच इस तनाव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालाँकि, इस बात का अनुमान है कि अमेरिका भी स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक वार्ताओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर सकता है।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने कनाडा के आरोपों को अस्वीकार करते हुए इसे बिना किसी ठोस आधार के किए गए बयान बताया है। भारत का कहना है कि कनाडा में चरमपंथियों को पनाह दी जा रही है और यह कनाडा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। भारत ने पहले भी कनाडा सरकार से इन मामलों में सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है। साथ ही, भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर अपने रुख को स्पष्ट कर दिया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने कनाडा में तैनात अपने उच्चायुक्त को भी वापस बुलाने की घोषणा की है, जो इस बात का संकेत है कि भारत अब द्विपक्षीय संबंधों में कड़े कदम उठा रहा है।

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