IND vs BAN : बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप के मैच में भारतीय टीम ने कमाल की बल्लेबाजी की। दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने अपने करियर का 48वां शतक जड़ा। हालांकि, मैच से ज्यादा मुकाबले में टीम इंडिया की जीत से ज्यादा चर्चे विराट कोहली की शतक के हो रहे हैं। दरअसल, इस मुकाबले में विराट कोहली का शतक कुछ इस तरह से आया कि इसे लेकर खूब बहस चल रही है। विराट के इस शतक में केएल राहुल के योगदान की तो चर्चा हो ही रही है, साथ ही इसमें सबसे बड़ा रोल अंपायर रिचर्ड केटलबरो का भी बताया जा रहा है। गौरतलब है कि पुणे के मैदान में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट खोकर 256 रन बनाए थे। इसके जवाब में टीम इंडिया ने 41.3 ओवर में तीन विकेट खोकर 261 रन बना लिए और मैच अपने नाम किया।
वर्ल्ड कप में चेज करते हुए विराट कोहली का पहला शतक
विराट कोहली ने इस मैच में 97 गेंद पर नाबाद 103 रन बनाए जिसमें छह चौके और चार छक्के शामिल रहे। इस पारी के दौरान विराट कोहली 97 रन बनाकर खेल रहे थे। भारत को जीत के लिए 2 और उन्हें शतक बनाने के लिए तीन रनों की जरूरत थी। तभी स्पिनर नासुम अहमद ने विराट कोहली के खिलाफ गेंद को लेग स्टंप के बाहर फेंक दिया। लेकिन अंपायर रिचर्ड केटलबरो ने लेग स्टंप की बाहर जाती बॉल को वाइड नहीं दिया। उनके इस फैसले पर अब बवाल मच रहा है। केटलबोरो को इसलिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई लोगों का मानना है कि विराट का शतक करवाने के लिए उन्होंने गेंद को वाइड नहीं दिया।
केटलबोरो का फैसला सही या गलत ?
जब अंपायर ने वाइड नहीं दिया तो भारतीय ड्रेसिंग रूम में मजाक का माहौल बन गया। कुलदीप यादव कैमरा में हंसते हुए कैद हो गए। एमसीसी के वाइड बॉल नियम 22.1.2 के मुताबिक गेंद को वाइड तब करार दिया जाएगा जब वह बल्लेबाज की रीच से बाहर हो। अगर बल्लेबाज नॉर्मल क्रिकेटिंग शॉट लगा सकता है तो उस गेंद को वाइड करार नहीं दिया जाएगा। विराट की बात करें तो वह लेग स्टंप पर खड़े थे और जब गेंद फेंकी गई तो वह ऑफ स्टंप की ओर बढ़ गए थे, जिसके चलते अंपायर ने इसे वाइड करार नहीं दिया। अगर विराट अपने स्टांस पर खड़े होते तो गेंद उनके पैड पर आकर टकराती, ऐसे में केटलबोरो का ये फैसला सही था।
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