रूस–यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते कई तरह के संकट पैदा हो गए हैं। सभी देशों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है साथ ही मानवीय संकट की स्थिति भी उत्पन्न हो गई है। खबर है कि युद्ध के कारण लगभग 140 लाख लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया गया है। दुनिया भर में शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की संख्या में 10 करोड़ 30 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है।
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी के प्रमुख ने बुधवार को यह जानकारी दी है। साथ ही शरणार्थियों के लिए यूएन के उच्चायुक्त फिलिपौ ग्रैंडी ने परिषद को बताया कि यूक्रेन अत्यंत कठिन परिस्थितियों में दुनिया की सबसे कठोर सर्दियों में से एक का सामना करने जा रहा है। इससे बुनियादी ढांचे भी कमजोर होता दिखाई दे रहा है।
ग्रैंडी ने कई बातों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उच्चायुक्त ने कहा कि ‘बहुत कुछ किया जाना चाहिए जिसकी शुरुआत इस संवेदनशील युद्ध की समाप्ति के लिए होनी चाहिए।’ उन्होंने ये भी कहा कि उनकी एजेंसी देश के अंदर और बाहर दोनों जगह भारी संख्या में लोगों की आवाजाही को लेकर तैयारी कर रही है।वर्ष की पहली छमाही में ग्रैंडी ने विस्थापित हुए लोगों की संख्या बताई, साथ ही ये भी बताया कि कहां-कहां के लोग अधिक संख्या में विस्थापित हुए हैं। उन्होंने 850,000 से अधिक इथियोपियाई लोगों की ओर इशारा किया। साथ में ये भी बताया है कि इससे देश के उत्तरी टाइग्रे क्षेत्र में युद्ध के कारण संघर्ष में हालिया वृद्धि का नागरिकों पर और भी अधिक विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। ग्रैंडी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी म्यांमार में भी है, जहां देश के सैन्य शासकों के खिलीाफ सशस्त्र प्रतिरोध हो रहा है और अनुमानित रूप से 500,000 लोग विस्थापित हुए हैं।