Thursday, November 21, 2024
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IIT Delhi का अबू धाबी में खुला सेंटर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिक्षा का बजेगा डंका

IIT Delhi: भारतीय शिक्षा प्रणाली का वैश्विक स्तर पर विस्तार अब एक नई दिशा में अग्रसर हो चुका है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi) ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। अबू धाबी में IIT Delhi के एक नए सेंटर का उद्घाटन किया गया है, जिससे भारतीय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित हुआ है। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद ने इस सेंटर का आधिकारिक उद्घाटन किया, जो भारत और यूएई के बीच शैक्षिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकेत देता है।

पहले बैच की शुरुआत

आईआईटी दिल्ली के इस अबू धाबी सेंटर में पहले अंडरग्रेजुएट बैच में कुल 52 छात्रों ने प्रवेश लिया है। ये छात्र कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग तथा एनर्जी इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री कोर्स के लिए चयनित हुए हैं। यह कदम उच्च गुणवत्ता वाली भारतीय तकनीकी शिक्षा को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Students Clearing JEE Advanced 2024 can apply for Admissions to IIT Delhi-Abu  Dhabi Campus : IIT Delhi

 

चयन प्रक्रिया | IIT Delhi

इस सेंटर में प्रवेश पाने वाले छात्रों का चयन ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस्ड के माध्यम से किया गया है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए कंबाइंड एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट (CAET) का भी उपयोग किया गया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न देशों से छात्रों का चयन किया गया है, जिसमें भारत, यूएई और अन्य देशों के छात्र शामिल हैं। यह विविधता इस नए सेंटर के पहले बैच की एक विशेषता है, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करती है।

आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी सेंटर: योजना और उद्देश्य

आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी सेंटर की स्थापना का विचार फरवरी 2024 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच हुए विचार-विमर्श के दौरान सामने आया था। इस पहल का उद्देश्य भारतीय, अमीराती और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एक साथ लाकर एक वैश्विक शिक्षा हब तैयार करना है। इस केंद्र के माध्यम से यूएई में भारतीय शिक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा को और बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

मास्टर्स प्रोग्राम और भविष्य की योजनाएं

इससे पहले, जनवरी 2024 में, IIT Delhi ने अबू धाबी में एनर्जी ट्रांजिशन एंड सस्टेनेबिलिटी में मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम की सफलता ने आगे के प्रयासों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले समर्थन और प्रोत्साहन के कारण यह संभव हुआ कि आईआईटी दिल्ली ने अब अपने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को भी अबू धाबी में शुरू किया है।

साझेदारियां और सहयोग

अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली के सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर संस्थान ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते मोहम्मद बिन जायेद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (MBZUAI), खलीफा यूनिवर्सिटी, जायद यूनिवर्सिटी और सोरबोन यूनिवर्सिटी-अबू धाबी के साथ किए गए हैं। इन साझेदारियों का उद्देश्य शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करना है। इन समझौतों के माध्यम से आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी सेंटर शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

भारत और यूएई के बीच शैक्षिक संबंधों में मजबूती

आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी सेंटर की स्थापना ने न केवल भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि भारत और यूएई के बीच शैक्षिक संबंधों को भी मजबूत किया है। यह केंद्र दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। यूएई में भारतीय शिक्षा का यह विस्तार दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

शैक्षिक और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार

आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी सेंटर शैक्षिक और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार और विकास के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। यह केंद्र न केवल भारतीय छात्रों के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन होगा। यहाँ पर छात्रों को तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आईआईटी दिल्ली का वैश्विक विस्तार

आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी सेंटर की स्थापना भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केंद्र न केवल भारतीय छात्रों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगा, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिक्षा का प्रसार करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भी देखा जाएगा। यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने में मदद करेगा।

आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी सेंटर भारतीय शिक्षा के वैश्विक विस्तार का एक आदर्श उदाहरण है। यह केंद्र न केवल भारतीय शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने में सहायक होगा, बल्कि भारत और यूएई के बीच शैक्षिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। इस पहल के माध्यम से भारतीय तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के उद्देश्य को साकार किया जा रहा है। भविष्य में इस केंद्र के माध्यम से और भी कई नए अवसरों और चुनौतियों का सामना किया जाएगा, जो कि शैक्षिक और अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय योगदान को और मजबूत करेगा।

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