Tamil Nadu : तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के होसुर में स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेलफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में शनिवार सुबह एक भयानक आग लगने की घटना सामने आई है। यह आग प्लांट के केमिकल गोदाम से शुरू होकर अन्य सेक्शन तक फैल गई, जिससे प्लांट में भारी नुकसान की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इस घटना में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन कुछ कर्मचारियों को सांस संबंधी समस्याएं होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना का विवरण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे के आसपास प्लांट में आग लगी। यह आग पहले प्लांट के केमिकल गोदाम में लगी और फिर धीरे-धीरे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के अन्य हिस्सों में फैल गई। आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्लांट से धुएं का गुबार उठता देखा गया।
आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। अग्निशमन दल ने तुरंत आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। इसके अलावा, घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
कर्मचारी सुरक्षित
आग लगने के समय प्लांट में लगभग 1500 कर्मचारी काम कर रहे थे। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि आग लगते ही कंपनी ने अपने आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन किया और सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, आग लगने के कारणों का अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है, लेकिन कंपनी के अनुसार, घटना की जांच की जा रही है।
पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें आग पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। आग लगने के कारण की जांच के लिए स्थानीय प्रशासन और कंपनी की एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो घटना के कारणों का पता लगाएगी। शुरुआती अनुमान के अनुसार, यह आग प्लांट के केमिकल गोदाम में किसी तकनीकी खामी या लापरवाही की वजह से लगी हो सकती है।
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आग से संभावित नुकसान
इस घटना में प्लांट के मैन्युफैक्चरिंग सेक्शन को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस प्लांट में मुख्यतः सेलफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्माण किया जाता है, और आग की वजह से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में मौजूद महंगे उपकरण और सामग्री नष्ट हो गई हैं।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में लगी आग से कंपनी को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लग सकता है। प्लांट में होने वाला उत्पादन भी ठप हो गया है, जिसके चलते आने वाले दिनों में इसकी आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्लांट में लगे उपकरणों और तैयार उत्पादों का मूल्य करोड़ों में हो सकता है, और इसे फिर से बहाल करने में भी बड़ी राशि खर्च करनी पड़ेगी।
प्लांट में सुरक्षा मानकों की जांच
इस घटना के बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि आग लगने के समय सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी घटना कैसे हुई।
आग की घटना से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच की जाएगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि क्या प्लांट में सुरक्षा मानकों का सही से पालन किया गया था या नहीं। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि प्लांट में लगी आग की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाएगा, जो इस बात का भी आकलन करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सके।
फायर ब्रिगेड का प्रयास
फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार प्लांट में लगी आग को बुझाने की कोशिश में जुटी हैं। अग्निशमन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि प्लांट में मौजूद केमिकल और अन्य ज्वलनशील पदार्थ आग को और भी फैलने में मदद कर रहे हैं।
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फायर ब्रिगेड की 15 से ज्यादा गाड़ियां मौके पर तैनात की गई हैं, और आग को पूरी तरह से बुझाने में कुछ और समय लग सकता है। हालांकि, प्राथमिकता यह है कि आग को प्लांट के अन्य हिस्सों तक फैलने से रोका जाए, ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मौके पर तुरंत कार्रवाई की। पुलिस ने प्लांट के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी, ताकि किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने से रोका जा सके और स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। साथ ही, इलाके में एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।
पुलिस ने बताया कि तीन कर्मचारियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनकी स्थिति अब स्थिर है। इसके अलावा, अन्य किसी प्रकार की हताहत होने की सूचना नहीं है।
घटना के बाद की स्थिति
इस घटना ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के होसुर स्थित प्लांट की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी और उनके परिवार भी इस घटना के बाद से चिंतित हैं। कंपनी को भी इस घटना से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि प्लांट के कई हिस्सों में आग के चलते उत्पादन रुक गया है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रवक्ता ने इस घटना पर खेद जताया और कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। कंपनी ने घटना के बाद अपनी आपातकालीन योजनाओं को सक्रिय किया और सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आग से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।