Friday, November 22, 2024
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कुंडली में कैसे बनता है पितृदोष, जानिए कारण

Pitra Dosh : व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते-बिगड़ते रहते हैं। शुभ योग बनने पर जीवन में सुख-सुविधा, धन-दौलत और राजसत्ता का सुख प्राप्त होता है। अशुभ योग से कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों के संयोग बनते हैं। इसी अशुभ योग को कुंडली का दोष कहा जाता है। कुंडली दोष कई प्रकार के होते हैं, जो मनुष्य के जीवन में संघर्ष को बढ़ाते है और सफलता पाना मुश्किल हो जाता है।

क्या होता है पितृदोष

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जब पूर्वजों की आत्माएं तृप्ति नहीं होती तब वह पृथ्वी लोक में रहने वाले अपने वंशजों को कष्ट देती हैं। इसके अलावा जो लोग अपने पूर्वजों का अनादर या हत्या करते है। तो उनके पूर्वजों की दुखी दिवंगत आत्माएं उन्हें शाप देती है। इसी शाप को पितृदोष (Pitra Dosh) कहा जाता हैं।

गौरतलब है कि जब मनुष्य अपने पितरों का विधिवत पूर्वक अंतिम संस्कार नहीं करते या पितरों का तर्पण नहीं हो पता है तो पितृ नाराज हो जाते हैं। साथ ही अपने परिजनों को श्राप देते है। इससे अलावा धर्म के विरुद्ध आचरण, बुजुर्गों का अपमानित करना और नीम, पीपल और बरगद के पेड़ को काटना या सांप को मारने से भी व्यक्ति को पितृदोष लगता हैं।

पितृदोष के लक्षण

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कुंडली में पितृदोष (Pitra Dosh) की वजह से व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पढ़ता है। जैसे कि परिवार में लड़ाई- झगड़े, विवाह में बाधा, परिवार में अशांति, वैवाहिक जीवन में तनाव, गर्भधारण में समस्या, बच्चे की अकाल मृत्यु, कर्ज और नौकरी की परेशानी, अचानक से धन की हानि, बीमारियां और मानसिक परेशानियों आदि का बढ़ना।

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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