केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah ने नई दिल्ली में बीपीआरएंडडी के कामकाज की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित गृह मंत्रालय और बीपीआरएंडडी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मीटिंग में बीपीआरएंडडी के छह प्रभागों के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों (सीएपीटी भोपाल और सीडीटीआई) की उपलब्धियों, चल रहे कार्यों और भविष्य की रूपरेखा का अवलोकन किया। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की दिशा में बीपीआरएंडडी द्वारा किए गए प्रयासों और पहलों की भी विशेष समीक्षा की।
पुलिस बलों के आधुनिकीकरण में एक प्रयास
केन्द्रीय गृह मंत्री ने नए आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण और कार्यान्वयन, मौजूदा पुलिस और जेल प्रक्रियाओं एवं प्रथाओं को बेहतर बनाने के माध्यम से पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और नए युग की चुनौतियों से निपटने के लिए ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ मंत्रालय को जोड़ने वाली नोडल एजेंसी के रूप में बीपीआरएंडडी की भूमिका पर जोर दिया
गृह मंत्री ने पुलिसिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ मॉडल की आवश्यकता के साथ-साथ आपराधिक न्याय प्रणाली के हितधारकों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और मंत्रालय की समस्या की पहचान और प्रभावी समाधानों के लिए अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीएम मोदी की स्मार्ट पुलिसिंग का विचार
बता दें कि ये सब पुलिस की छवि बेहतर बनाने के प्रयास में किया जा रहा है। मालूम हो कि स्मार्ट पुलिसिंग का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2014 में गुवाहाटी में हुई पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में पेश किया गया था। इसमें भारतीय पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और गतिशील, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और प्रत्युत्तरशील, तकनीक-प्रेमी और प्रशिक्षित (स्मार्ट) करने की परिकल्पना की गई है।
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