Historical Places In Uttar Pradesh: जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश न केवल अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह अपनी खूबसूरत धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। यहां का हर कोना इतिहास और संस्कृति की कहानियां सुनाता है। चलिए आज जानते हैं उत्तर प्रदेश की उन 5 प्रमुख धरोहरों के बारे मे जहां जीवन में एक बार जाना तो बनता है।
1. ताजमहल, आगरा
ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। यह भारत की सबसे प्रसिद्ध धरोहर है और उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा आकर्षण भी। सफेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत मकबरे को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। ताजमहल का वास्तुशिल्प अद्वितीय है। इसमें इस्लामी, फारसी और भारतीय स्थापत्य शैली का मिश्रण दिखाई देता है। यहां सुबह का सूर्योदय और शाम का सूर्यास्त देखने लायक होता है, जब यह संगमरमर की संरचना विभिन्न रंगों में चमकती है।
घूमने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6:30 बजे तक (शुक्रवार को बंद)
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹50 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹1100
2. वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर
वाराणसी को दुनिया का सबसे प्राचीन शहर माना जाता है, और यहां स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है, और इसकी छत पर सोने की परत चढ़ाई गई है, जिसे “स्वर्ण शिखर” कहा जाता है। यहां आने वाले भक्त गंगा आरती और घाटों के दिव्य माहौल का आनंद ले सकते हैं। काशी के घाट और यहां की गंगा आरती इस शहर को एक आध्यात्मिक अनुभव बनाते हैं।
घूमने का समय: सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक
विशेष आकर्षण: गंगा आरती और सावन के महीने में शिव पूजा
3. फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी, आगरा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे मुगल सम्राट अकबर ने अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था। यह शहर मुगल स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है और यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। यहां की प्रमुख आकर्षणों में बुलंद दरवाजा, जो एशिया का सबसे बड़ा द्वार है, जामा मस्जिद, और सलीम चिश्ती का मकबरा शामिल हैं। फतेहपुर सीकरी को “भूतों का शहर” भी कहा जाता है क्योंकि इसे अकबर ने कुछ समय बाद छोड़ दिया था।
घूमने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹40 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹610
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4. लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा
लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा नवाबी शैली की एक अनूठी मिसाल है। इसे नवाब आसफ-उद-दौला ने 1784 में अकाल राहत कार्य के तहत बनवाया था। यह संरचना एक भव्य हॉल है, जिसमें किसी प्रकार का स्तंभ नहीं है। बड़ा इमामबाड़ा अपनी भूलभुलैया (भूलभुलैया) के लिए प्रसिद्ध है, जहां लोग रास्ता खोजने में अक्सर उलझ जाते हैं। यहां की अन्य प्रमुख आकर्षणों में रूमी दरवाजा और शाही बावली शामिल हैं।
घूमने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹50 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹500
5. सारनाथ, वाराणसी
सारनाथ बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपना पहला उपदेश दिया था। यहां धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप और सारनाथ संग्रहालय जैसे स्थल प्रमुख आकर्षण हैं। सारनाथ का धमेख स्तूप एक विशाल और आकर्षक संरचना है, जो बौद्ध धर्म के इतिहास को जीवंत करती है। यहां स्थित अशोक स्तंभ भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
घूमने का समय: सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹30 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹250
इन धरोहरों की खासियत
उत्तर प्रदेश की इन धरोहरों में केवल स्थापत्य कला और इतिहास ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विविधता का भी दर्शन होता है। यहां हर स्थल में भारत की अनूठी पहचान छुपी हुई है। अगर आप इतिहास और संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश की इन धरोहरों की यात्रा जरूर करें। ये स्थान न केवल देखने में सुंदर हैं, बल्कि इनमें बसने वाली कहानियां और परंपराएं आपको जीवनभर याद रहेंगी।