देश में धर्म परिवर्तन के मामले आजकल सुर्खियां बनी हुई हैं। इसी बीच हरियाणा में CM मनोहर लाल खट्टर ने धर्म परिवर्तन के मामलों को गंभीरता से लेते हुए बड़ा फैसला लिया है। इसमें हरियाणा सरकार ने कड़ा कानून (विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022) बनाया है। इस कानून को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भी मंजूरी मिल गई है। कानून को मंजरी मिलने के बाद इस संबंध में हरियाणा सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। अब हरियाणा में धर्म परिवर्तन कर शादी करने की अनुमति संभव नहीं हो सकेगी। इस कानून का उल्लंघन करने वालों को 3 से 10 साल तक की जेल हो सकती है।
क्या है इस कानून में ?
हरियाणा में बीते 4 वर्षों में जबरन धर्मांतरण के 127 केस दर्ज किए गए है जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने इस दिशा में गंभीरता दिखाई है। धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ अब पीड़ित न्याय की गुहार लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके बाद कोर्ट पीड़ित और आरोपी की आय को ध्यान में रखते हुए उसके भरण-पोषण का खर्चा देने का आदेश देगा। शादी के बाद अगर बच्चा हो जाता है, और उसके बाद कोई महिला या फिर पुरूष धर्मांतरण का शिकार होता है,तो कोर्ट बच्चे और उसकी माता या पिता के मुताबिक ही अपना फैसला सुनाएगा। इस एक्ट में धारा 6 के मुताबिक धर्म परिवर्तन द्वारा किए गए विवाह को अमान्य घोषित करने का भी प्रावधान है।
DC को देनी होगी धर्म परिवर्तन करने की जानकारी
विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022 के तहत इस तरह के मामलों में एक प्रावधान यह भी लागू है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो जिले के DC को सबसे पहले जानकारी देनी होगी। DC कार्यालय अपने नोटिस बोर्ड पर धर्म परिवर्तन की सारी जानकारी को एक नोटिस के तहत चस्पा करेगा। अगर धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को किसी तरह की कोई परेशानी होती है, तो 30 दिनों में वह लिखित शिकायत दे सकता है। शिकायत के आधार पर DC मामले की जांच करेंगे और धर्म परिवर्तन के नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। धर्म परिवर्तन नियमों का उल्लंघन होने की स्थिति में धर्म परिवर्तन की स्वीकृति रद्द कर दी जाएगी। डीसी के आदेश से अगर किसी को आपत्ति होती है, तो इसी स्थिति में वो मंडल आयुक्त के सामने 30 दिनों के अंदर अपील कर सकता है।