Wednesday, January 8, 2025
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Haryana के मंत्रियों ने CM सैनी के सामने रख दी बड़ी मांग, ट्रांसफर पावर से जुड़ा है यह मामला

Haryana: नई सरकार के गठन के बाद हरियाणा में अब मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने एक बड़ा अधिकार मांग लिया है। दरअसल, भाजपा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग अधिकार देने को कहा है। वे सभी फिलहाल ग्रुप-डी के तबादले करने के अधिकार चाहते हैं। मालूम हो कि फिलहाल मंत्रियों को हरियाणा में दर्जा 4 कर्मचारी बदलने का भी अधिकार नहीं है। सारे ट्रांसफर सीएम ऑफिस से ही होते हैं। जिसके लिए CMO में अलग से ओएसडी लगाया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने कर दी बड़ी मांग

गौरतलब है कि हरियाणा की भाजपा सरकार में 11 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री है। इन सभी मुख्यमंत्री ने ग्रुप बी कर्मचारियों तक ट्रांसफर पावर मांगी है। सूत्रों के अनुसार मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन्हें किसी कर्मचारी के ट्रांसफर को लेकर एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। सारे ट्रांसफर का अधिकार ओएसडी के पास है। उन्हें सीएम से पूछना पड़ता है। ऐसी सूरत में ट्रांसफर में देरी हो जाती है। विधायकों को भी यही दिक्कत आ रही है। ऐसे में उनके अधिकारों के प्रति गलत मैसेज जा रहा है।

Haryana ministers put forward a big demand before CM Saini

असमंजस में Haryana सीएम सैनी

मंत्रियों की इस मांग ने मुख्यमंत्री को असमंजस में डाल दिया है। फिलहाल उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया है। हालांकि, मंत्रियों के दबाव के कारण मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेना पड़ सकता है। वर्तमान में हरियाणा में ट्रांसफर और पोस्टिंग का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास है। यह अधिकार चौथी श्रेणी के कर्मचारियों से लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों तक पर लागू होता है। मुख्यमंत्री कार्यालय में इसके लिए एक एचसीएस अधिकारी को ओएसडी नियुक्त किया गया है, जिसका काम केवल ट्रांसफर और पोस्टिंग देखना है।

पहले भी हो चुके हैं बदलाव

बता दें कि हरियाणा में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर पूर्व हुड्डा व मनोहर सरकार में कई तरह के बदलाव होते रहे हैं। पूर्व हुड्डा सरकार में भी मंत्रियों की मांग पर तबादलों के अधिकार दिए गए थे, लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया गया था। हुड्डा के बाद सत्ता में आए मनोहर लाल सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान मंत्रियों को शांत करने के लिए हर साल एक-एक माह के लिए ग्रुप डी के तबादलों के अधिकार दिए जाते थे। मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की मांग पर उन्हें 20 दिन के लिए तबादलों के अधिकार दिए गए थे।
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