Friday, November 22, 2024
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Haryana Bjp में टिकट वितरण को लेकर उठे आंतरिक विवादों के बाद बीजेपी के 72 सदस्यों ने दिया इस्तीफा

Haryana Bjp : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियां टिकट वितरण को लेकर उठे आंतरिक विवादों से प्रभावित हो रही हैं। 4 सितंबर से शुरू हुई बगावत थमने का नाम नहीं ले रही और पार्टी के भीतर इस्तीफों का सिलसिला जारी है। तीन दिनों के अंदर भाजपा के 72 नेताओं और सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जो पार्टी के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति को दर्शाता है।

भाजपा में टिकट को लेकर असंतोष

हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच असंतोष फैल रहा है। कई स्थानों पर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के फैसलों पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे दिए हैं।

  • पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को लेकर मामला खासा गरमाया हुआ है। कांबोज ने पार्टी प्रत्याशी श्याम सिंह राणा पर 2014 के चुनावों में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बदला तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने भाजपा को अपनी मां बताते हुए कहा कि वे पार्टी में बने रहेंगे, लेकिन प्रत्याशी बदलने की मांग पर अड़े हैं।
  • समालखा से भाजपा कार्यकारिणी सदस्य संजय छौक्कर ने इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। इसके अलावा, शहरी मंडल अध्यक्ष नरेश कौशिक समेत 49 अन्य लोगों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। कौशिक ने आठ सितंबर को चुनाव लड़ने पर फैसला लेने की घोषणा की है।
  • गुड़गांव में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने टिकट नहीं मिलने के कारण अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी है।
  • पानीपत से पूर्व पार्षद लोकेश नांगरू ने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का एलान किया है। संजय भाटिया ने उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कार्यकर्ताओं पर ही निर्णय छोड़ दिया है।
  • महेंद्रगढ़ में प्रो. रामबिलास शर्मा ने कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया, जिससे स्पष्ट होता है कि वे टिकट कटने के डर से चिंतित हैं।

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भाजपा का रूठों को मनाने का प्रयास | Haryana Bjp

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने नाराज नेताओं को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को दिल्ली बुलाया गया है। इसी तरह, सावित्री जिंदल को भी दिल्ली बुलाया गया है, जहां वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकती हैं। उनके समर्थक उनके अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को रोहतक स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक कर स्पष्ट कर दिया कि टिकट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। सैनी ने नेताओं से कहा, “कमल का फूल एक ही है, मिलकर काम करें।”

कांग्रेस में भी असंतोष के स्वर | Haryana Bjp

भाजपा के अलावा कांग्रेस में भी प्रत्याशियों की सूची आने से पहले ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में नारेबाजी की। हिसार से दिल्ली पहुंचे कार्यकर्ताओं ने बाबरिया की गाड़ी के सामने नारेबाजी की और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला और नरेश सेलवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें टिकट न देने की मांग की।

बहादुरगढ़ में कांग्रेस नेता राजेश जून ने 11 सितंबर को नामांकन करने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है तो ठीक है, वरना वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

टिकट वितरण से उपजी नाराजगी के प्रमुख मामले

  • उकलाना में 20 सरपंचों और ब्लॉक समिति सदस्यों ने भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है।
  • तोशाम में पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने अपने निवास पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर भाजपा नेतृत्व पर नाराजगी जताई। नगर परिषद चेयरपर्सन के प्रतिनिधि भवानी प्रताप ने परमार का समर्थन किया।
  • कलायत में पूर्व राज्यमंत्री कमलेश ढांडा को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर राजौंद मंडल के पूर्व अध्यक्ष संजीव दीक्षित ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार को महापंचायत बुलाने की घोषणा की है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
  • राई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैठक कर स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग उठाई। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली से भी मुलाकात की।
  • बरवाला में भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा की बैठक में टिकट के दावेदार रहे पूर्व विधायक वेद नारंग और कैप्टन भूपेंद्र मौजूद नहीं थे, जिससे असंतोष के संकेत मिलते हैं।
  • कालका में पूर्व विधायक लतिका शर्मा अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भावुक हो गईं और रो पड़ीं। उन्होंने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन नाराजगी स्पष्ट दिखी।
  • बहादुरगढ़ में पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने भी टिकट नहीं मिलने पर अपने समर्थकों की बैठक में आंसू बहाए। उन्होंने कहा कि यदि 9 सितंबर तक पार्टी ने अपना निर्णय नहीं बदला तो वे 10 सितंबर को बड़ा फैसला लेंगे।

सीएम सैनी का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रोहतक में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा में टिकट वितरण पर कोई पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। सैनी ने नेताओं को समझाया कि पार्टी का चुनाव चिन्ह “कमल का फूल” है और सभी को मिलकर इस चिन्ह को विजयी बनाना है।

बैठक में शामिल अन्य वरिष्ठ नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, प्रदेश संगठन महामंत्री फणींद्र नाथ शर्मा, प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया, डॉ. अर्चना गुप्ता और कृष्ण बेदी मौजूद थे।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट वितरण को लेकर असंतोष उभरकर सामने आ रहा है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देकर या निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौती पेश की है। दूसरी ओर, कांग्रेस में भी कई जगहों पर टिकट के लिए नाराजगी दिखाई दे रही है।

आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि दोनों दल इन आंतरिक असंतोष को किस प्रकार संभालते हैं और क्या यह चुनाव परिणामों पर असर डालेगा। भाजपा ने अपने असंतुष्ट नेताओं को मनाने का प्रयास शुरू कर दिया है, लेकिन पार्टी की चुनौती यह होगी कि वह कैसे इन बगावतों पर काबू पाती है।

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