Cough Syrup Guidelines : दुनियाभर में कई दिनों से भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्मों द्वारा निर्यात किए जाने वाले खांसी के सीरप को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, अब विश्व स्तर पर देश की किरकिरी होने के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आदेश दिया है कि अब दवाओं को विदेश भेजने से पहले उनका परीक्षण किया जाएगा। इसलिए अब से कफ सिरप निर्यातकों (Cough Syrup Guidelines) को अपने उत्पादों को विदेश भेजने से पहले निर्धारित सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराना होगा।
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एक जून से लागू होगा नियम
आपको बता दें कि सोमवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि खांसी के सीरप (Cough Syrup Guidelines) के उत्पाद नमूनों का पहले प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद निर्यात की अनुमति दी जाएगी। ये नियम 1 जून 2023 से लागू होगा।
सरकारी प्रयोगशालाओं में ही होगा परीक्षण
इसके अलावा डीजीएफटी ने अपनी अधिसूचना (Cough Syrup Guidelines) में ये भी साफ कहा है कि खांसी के दवा के नमूनों की जांच अनिवार्य रूप से सरकारी प्रयोगशालाओं में ही होगी। जब सभी तरह के जांच संबंधी प्रमाण पत्र मिल जाएगे, तो उसके बाद ही दवाओं को विदेशों में नियार्त करने की अनुमति दी जाएगी। आपको बता दें कि कफ सिरप के सैंपल की जांच कई शहरों में स्थित क्षेत्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला, केंद्रीय दवा परीक्षण प्रयोदशाला और कोलकत्ता के केंद्रीय दवा प्रयोगशालाओं में होगी। इसके अलावा राज्य सरकारों ने जिन-जिन दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं को मान्यता दी गई हैं, वहां भी नमूनों का परीक्षण किया जा सकेगा।
सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?
आपको बताते चलें कि दुनियाभर में लंबे समय से भारत में बने कफ सिरप (Cough Syrup Guidelines) की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे थे। इसी वजह से सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, गत वर्ष गाम्बिया में 66 और उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई थी, जिसके लिए कथित तौर पर भारत निर्मित कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में वित्त वर्ष 2021-22 से कफ सिरप की 17 अरब डॉलर खुराक निर्यात की गई थी, जो 2022-23 में बढ़कर 17.6 अरब डॉलर हो गई।
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