Saturday, December 28, 2024
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Good Governance Day 2024: एक आदर्श प्रशासन की ओर एक कदम, क्यों 25 दिसंबर को मनाया जाता है सुशासन दिवस ?

Good Governance Day 2024: भारत में सुशासन दिवस हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें उनकी उत्कृष्ट प्रशासनिक क्षमता और नीतिगत सुधारों के लिए जाना जाता है। सुशासन दिवस का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शी, जिम्मेदार और उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करना है। 2024 में इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि यह डिजिटल युग में शासन और प्रशासन के नए आयामों को अपनाने और उन्हें जनहित में उपयोग करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

Good Governance Day 2024| सुशासन का महत्व

सुशासन, जिसका अर्थ है “अच्छा प्रशासन”, किसी भी लोकतांत्रिक समाज की आधारशिला है। यह न केवल सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक नागरिक को न्याय, समानता और विकास का लाभ मिले। सुशासन के मुख्य तत्व हैं:

  1. पारदर्शिता: निर्णय लेने की प्रक्रिया स्पष्ट और सबके लिए सुलभ होनी चाहिए।
  2. जवाबदेही: अधिकारी और संस्थाएँ अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हों।
  3. भागीदारी: सभी वर्गों के लोग नीति निर्माण और निर्णय लेने में शामिल हों।
  4. प्रभावशीलता और कुशलता: संसाधनों का उपयोग अधिकतम प्रभाव के साथ किया जाए।
  5. न्याय और समानता: समाज के सभी वर्गों के साथ समान व्यवहार किया जाए।

अटल बिहारी वाजपेयी का सुशासन के प्रति दृष्टिकोण

अटल बिहारी वाजपेयी का शासनकाल सुशासन के लिए जाना जाता है। उन्होंने प्रशासनिक सुधार, आर्थिक उदारीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में भारत ने “प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना” और “स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना” जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की।

  1. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY): यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  2. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना: इस परियोजना के तहत चार प्रमुख महानगरों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) को जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण किया गया।
  3. सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार क्षेत्र में विकास: वाजपेयी के शासनकाल में डिजिटल इंडिया की नींव रखी गई।

2024 में सुशासन दिवस की प्रासंगिकता

2024 में सुशासन दिवस विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिन हमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल युग के अनुरूप बनाने का अवसर प्रदान करता है। आधुनिक तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ब्लॉकचेन, और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बना सकता है।

  1. डिजिटल गवर्नेंस: डिजिटल इंडिया पहल के तहत, सरकार ने नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं। आधार, डिजीलॉकर और ई-गवर्नेंस पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करते हैं।
  2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग: 2024 में प्रशासन में AI का उपयोग नीतियों के प्रभाव का विश्लेषण, संसाधनों का प्रबंधन, और नागरिक शिकायतों के समाधान के लिए किया जा रहा है।
  3. पर्यावरणीय सुशासन: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट को देखते हुए, प्रशासन को सतत विकास और हरित प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्राथमिकता देनी होगी।
  4. सामाजिक समावेश: सुशासन का लक्ष्य समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाना है। डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने में किया जा रहा है।

सुशासन के उदाहरण

भारत में सुशासन के कई सफल उदाहरण हैं:

  1. केरल मॉडल: केरल में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए सुधारों को पूरे देश में सराहा गया है।
  2. राजस्थान का भामाशाह योजना: इस योजना के तहत महिलाओं के बैंक खातों में सरकारी लाभ सीधे हस्तांतरित किए जाते हैं।
  3. आंध्र प्रदेश का रियल टाइम गवर्नेंस: यह प्रणाली नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करती है।

Good Governance Day 2024| चुनौतियाँ और समाधान

हालांकि, सुशासन को लागू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में निम्नलिखित बाधाएँ देखी जा सकती हैं:

  1. भ्रष्टाचार: यह सुशासन की सबसे बड़ी बाधा है। इसे रोकने के लिए सख्त कानून और डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाना आवश्यक है।
  2. प्रशासनिक ढांचे की जटिलता: प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और सुगम बनाना चाहिए।
  3. डिजिटल विभाजन: डिजिटल तकनीक के उपयोग में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता है।
  4. शिक्षा और जागरूकता की कमी: नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।

Good Governance Day 2024| आगे का रास्ता

2024 में सुशासन को और प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. शासन में नवीनतम तकनीकों का उपयोग: ब्लॉकचेन और AI जैसी प्रौद्योगिकियाँ पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद कर सकती हैं।
  2. सामुदायिक भागीदारी: नीति निर्माण और कार्यान्वयन में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
  3. संवेदनशील और समावेशी शासन: शासन में महिलाओं, बच्चों, और समाज के वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
  4. स्थानीय शासन को मजबूत करना: ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को अधिक अधिकार और संसाधन दिए जाने चाहिए।

सुशासन दिवस 2024 (Good Governance Day 2024) हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन के दृष्टिकोण से प्रेरणा लें और उसे 21वीं सदी के तकनीकी युग में लागू करें। पारदर्शी, जिम्मेदार, और जन-केंद्रित प्रशासन ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम “नए भारत” का निर्माण कर सकते हैं। सुशासन का उद्देश्य केवल प्रशासनिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर नागरिक को समान अवसर मिले और उनकी आवाज सुनी जाए।

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