Pele Dies: फुटबॉल के ग्लोबल एंबेसडर एवं ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले का 82 साल में निधन हो गया। पिछले कुछ समय से पेले अस्पताल में भर्ती थे जहां जिंदगी की जंग लड़ रहे थे और आज उन्होंने आखिरी सांस ली। पेले कोलन कैंसर से जूझ रहे थे। उनके शरीर ने कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट का जवाब देना भी बंद कर दिया था। अस्पताल में इलाज के दौरान पता चला कि उन्हें रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन भी है। पेले की बेटी ने इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर कर अपने पिता के निधन की जानकारी दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा- हम जो कुछ भी हैं, आप ही की बदौलत हैं। हम आपसे बहुत प्यार करते हैं। रेस्ट इन पीस।
तीन बार ब्राजील को जिताया वर्ल्ड कप
पेले को कई छोटे-बड़े अवार्ड से नवाजा गया है। पेले ने फुटबॉल को दुनियाभर में एक अलग मुकाम तक पहुंचाया। इसलिए साल 1999 में पेले को Athlete Of The Sancutary चुना गया था। पेले के नाम 1363 मैचों में 1279 गोल करने का रिकॉर्ड दर्ज है। पेले के रहते हुए ब्राजील ने 1958, 1962 और 1970 में विश्वकप जीता था। उन्होंने ब्राजील की तरफ से 77 गोल किए।
Who remembers this? #Pelé comes onto the pitch during Liverpool v Manchester United ❤️
The entire stadium cheers as one. What a noise for one of the greatest! 👏#OptusSport #PL pic.twitter.com/lmrkGL49aM
— Optus Sport (@OptusSport) December 30, 2022
15 साल की उम्र से शुरू किया फुटबॉल खेलना
पेले ने महज़ 15 साल की उम्र में फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। अपनी कड़ी लगन और मेहनत के बदौलत एक साल बाद यानी 16 साल की उम्र में ब्राजील की नेशनल टीम में जगह बना ली। 7 जुलाई 1957 को पेले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया था। इस मैच में पेले ने एक गोल करके इतिहास बना दिया था। वो गोल करने वाले ब्राजील के सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।
दुनियाभर के लोगों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
पेले ने करीब दो दशक तक फुटबॉल के जरिए लोगों को मोटिवेट किया। उनकी मौत के बाद दुनियाभर के फुटबॉल खिलाड़ियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पेले के निधन पर फीफा के अध्यक्ष गियान्नी इन्फैंटिनो ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि पेले के जाने से जो खालीपन आया है, उसे भरना मुश्किल होगा।