Gayatri Jayanti 2024 Date and Puja Vidhi: सनातन धर्म में चार वेद, शास्त्र और श्रुतियों के बारे में हम सब जानते हैं। लेकिन इनकी उत्पत्ति कहाँ से हुई। ये बहुत कम लोग जानते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सृष्टि की रचना करने से पहले ब्रह्मा जी ने माता गायत्री का आह्वान किया। माता गायत्री की कृपा से अपने चार मुखों से चार वेदों के रूप में गायत्री मंत्र की व्याख्या की जिससे गायत्री माता की उत्पत्ति हुई।
इनकी उत्पत्ति वेदों द्वारा हुई इसलिए इन्हे देवतायों द्वारा इन्हें वेदमाता गायत्री के नाम से भी पुकारा जाता है। गायत्री जयंती वर्ष में 2 बार मनाई जाती है। एक बार ज्येष्ठ मास की एकादशी को और एक बार सावन मास की पूर्णिमा अमावस्या को। इस वर्ष सावन महीने की 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
वेदमाता गायत्री का स्वरूप
वेदमाता गायत्री को वैदिक स्त्रोतों के देवी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार गायत्री माता को देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती जी का संयुक्त अवतार माना जाता है इसलिए इन्हें त्रिमूर्ति भी कहा जाता है। सृष्टि के आरंभ में गायत्री माता केवल देवतायों तक ही सीमित थी। बाद में विश्वामित्र जी ने अपने कठोर तप से माता गायत्री की महिमा यानि गायत्री मंत्र को सामान्य लोगों तक पहुंचाया।
गायत्री मंत्र का महत्व |Gayatri Jayanti 2024 Date and Puja Vidhi
गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में महामंत्र के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की केवल गायत्री मंत्र के जाप से सभी मंत्रों के जाप बराबर फल प्राप्त होता है। इंसान के जीवन के सभी परेशानियों का अंत होता है और जीवन में खुशहाली आती है।
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क्यों मनायी जाती है गायत्री जयंती ?
शास्त्रों के अनुसार जिस दिन विश्वामित्र जी के द्वारा गायत्री मंत्र को सर्व साधारण लोगों तक पहुंचाया गया उसी दिन को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है।
कैसे करें गायत्री जयंती के दिन पूजा ? Gayatri Jayanti 2024 Date and Puja Vidhi
वैसे तो गायत्री जयंती के दिन वेदों को पढ़ना और पूजा करना बताया गया है। लेकिन हमारे हिन्दु धर्म के वेद और काव्य इतने वृहद है की उन्हें पढ़ना इतना सरल नहीं है इसलिए इस दिन अपने घर में रखे सभी वेदों, काव्यों और धार्मिक रचनायों को धूप-दीप दिखाकर उन्हे प्रणाम करना चाहिए। पूरे परिवार के साथ मिलकर ऊंची आवाज में गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। माता गायत्री का स्मरण कर उन्हे प्रणाम करना चाहिए।