अमेरिका के कैलिफोर्निया में बाढ़ ने गजब का कहर ढाया हुआ है। यहा पिछले 15 दिनों के अंदर 22 से 25 ट्रिलियन गैलन बारिश हो चुकी है। जिसके कारण राज्य का 80 प्रतिशत हिस्सा डूब चुका है। मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने यहां के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-वयस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया में आई लगातार नौवीं बारिश में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। वहीं अभी तक 70 हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य 75 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचने को कहा गया है।
बर्फीले चक्रवात और बाढ़ ने ली 19 लोगों की जान
अमेरिका के कैलिफोर्निया में बर्फीले चक्रवात के बाद अब बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है। 26 दिसंबर को शुरू हुआ तूफान अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कैलिफोर्निया में आई लगातार नौवीं बारिश में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। इन लोगों की मौत डूबने और पेड़ गिरने से हुई है। कैलिफोर्निया में जगह-जगह पेड़ उखड़ने से घरों के साथ ही सड़कों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है। जानकारी के मुताबिक, सैक्रामेंटो शहर, जिसे अमेरिका में पेड़ों का शहर भी कहा जाता है, वहां पिछले 6 दिन में लगभग 1000 पेड़ गिर चुके हैं। यहां हालात इतने खराब हो चुके हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे आपदा घोषित कर दिया है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
अमेरिका के बड़े तूफानों में से एक
दरअसल, अमेरिका में साल 1861 में अब तक की सबसे जबरदस्त बाढ़ आ चुकी है। 1861 की बाढ़ करीब 43 दिनों तक जारी रही थी और उसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी। उस समय भी कैलिफोर्निया में एटमोस्फियरिक रिवर की वजह से ऐसे हालात बने थे। वहीं इस साल आए बाढ़ ने 1861 की बाढ़ को टक्कर देने की ठान ली है। इसे कैलिफोर्निया में आए अब तक के बड़े तूफानों में से एक बताया जा रहा है। उस समय भी कैलिफोर्निया में एटमोस्फियरिक रिवर की वजह से ऐसे हालात बने थे।
एटमोस्फियरिक रिवर के कारण मच गई है तबाही
एटमोस्फियरिक रिवर जो दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक रिवर में से एक है। इस नदी को ‘पाइनएपल एक्सप्रेस’ भी कहा जाता है और इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका के पश्चिमी हिस्से और कनाडा में देखने को मिलता है। दरअसल, इसी ‘पाइनएपल एक्सप्रेस’ की वजह से कैलिफोर्निया की कई जगहों पर बारिश हो रही है। वहीं बारिश के अलावा कैलिफोर्निया में बर्फीले तूफान ने भी तबाही मचा रखी है। इसके चलते लोगों को और अधिक परेशानी हो रही है और खराब मौसम की वजह से बाढ़ और चट्टानों के खिसकने की समस्या खड़ी हो गई है।