Firecrackers Ban in Delhi: हर साल सर्दियों के दौरान बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। राजधानी में 14 अक्तूबर से लेकर एक जनवरी 2025 तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह निर्देश दिए और इस प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के लिए संबंधित विभागों के साथ तालमेल बैठाने की बात कही है।
दिल्ली सरकार ने इस बार प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। एक तरफ जहां प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, वहीं दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर ठोस कार्य योजना बनाई जा रही है। यह कार्य योजना मुख्य रूप से 21 फोकस बिंदुओं पर आधारित ‘विंटर एक्शन प्लान’ के तहत बनाई गई है, जो दिल्ली के वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक
इस बार न केवल ऑफलाइन बल्कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार का मानना है कि इससे पटाखों का अवैध व्यापार कम होगा और दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। पर्यावरण मंत्री ने इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन के मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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दिल्ली में अवैध पटाखों की जब्ती
पटाखों के प्रतिबंध के बावजूद कुछ लोगों ने अवैध तरीके से पटाखों का व्यापार करने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर राजधानी के विभिन्न इलाकों में छापेमारी करते हुए 1300 किलोग्राम से अधिक के अवैध पटाखों को जब्त किया है। इस छापेमारी में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक व्यापारी और उसका ड्राइवर शामिल हैं। पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया कि दो गोदामों से 1323 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे बरामद किए गए हैं। इन पटाखों की बड़ी खेप राजधानी में अवैध रूप से लाकर बेची जा रही थी।
विंटर एक्शन प्लान और प्रदूषण के खिलाफ सरकार की पहल
वर्ष 2022 के बाद, इस साल भी दिल्ली सरकार ने सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए ‘विंटर एक्शन प्लान’ की घोषणा की है। इस योजना में वायु गुणवत्ता की निगरानी, निर्माण कार्यों के मानदंडों का पालन, धूल नियंत्रण, पराली के जलने पर निगरानी, और यातायात के सुचारू प्रबंधन जैसे कई अहम बिंदुओं पर ध्यान दिया गया है। साथ ही, दिल्ली सरकार अपने नागरिकों से भी सहयोग की अपील कर रही है। सरकार ने सभी दिल्लीवासियों से पटाखों का उपयोग न करने का अनुरोध किया है, ताकि सामूहिक प्रयासों से प्रदूषण को कम किया जा सके।
सर्दियों में, ठंडी हवा और धुंध के कारण प्रदूषक कण लंबे समय तक हवा में रहते हैं और यह स्थिति अस्थमा और फेफड़ों की अन्य बीमारियों वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है। पटाखों के जलने से उत्पन्न होने वाला धुआं और गैसें पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, जो वायुमंडल में सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ाकर प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देती हैं। इस प्रतिबंध का उद्देश्य दिल्ली की हवा को साफ रखना और लोगों को स्वस्थ्य वातावरण प्रदान करना है।
जनता की भागीदारी आवश्यक
दिल्ली सरकार ने इस प्रतिबंध को सफल बनाने के लिए जनता से सहयोग की अपील की है। प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है और इसे नियंत्रित करने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ जनता की भी भागीदारी आवश्यक है। इस प्रतिबंध के सफल होने के लिए जरूरी है कि लोग अपने स्तर पर पटाखों का इस्तेमाल न करें और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अन्य नागरिकों को भी जागरूक करें।
दिल्ली में पटाखों पर यह प्रतिबंध एक सकारात्मक कदम है जो बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरे को कम करने में सहायक होगा। पटाखों के बिना भी खुशियों के त्योहार मनाए जा सकते हैं और स्वच्छ वातावरण को बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। इस बार दिल्लीवासी एक स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ाकर एक मिसाल कायम कर सकते हैं।