Friday, November 8, 2024
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DY Chandrachud Retirement: CJI डीवाई चंद्रचूड़ अपने रिटायर से पहले इन मुद्दों पर सुना सकते हैं अहम फैसले

DY Chandrachud Retirement: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति से पहले सर्वोच्च न्यायालय में आने वाले पांच दिनों में, उनके सामने पांच महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने का दायित्व है, जो कई मायनों में देश के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकते हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त हो जाएगा, और उनकी अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की बेंच 4 से 8 नवंबर के बीच ये निर्णय सुनाएगी, क्योंकि 9 और 10 नवंबर को कोर्ट की छुट्टियाँ हैं। यहाँ इन पाँच अहम मामलों पर प्रकाश डाला गया है:

1. मदरसा एक्ट मामला

मदरसा एक्ट का मामला सबसे प्रमुख मामलों में से एक है, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होता है, क्योंकि इस फैसले का सीधा प्रभाव मदरसा शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा।

2. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का माइनॉरिटी स्टेटस

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस देने का मुद्दा भी लंबे समय से विवाद में है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 7 जजों की पीठ इस मामले में फैसला करेगी। कोर्ट के निर्णय से तय होगा कि AMU को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा मिलेगा या नहीं, जिसका असर देश के अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों पर भी पड़ सकता है। इस मामले का निपटारा ऐतिहासिक माना जा रहा है।

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3. लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस का मामला

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि हल्के मोटर वाहन (LMV) लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले लाइट मोटर वाहनों को चला सकते हैं या नहीं। 21 अगस्त की सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले में दिए जाने वाले फैसले का प्रभाव सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से जुड़े बीमा दावों पर भी पड़ेगा, क्योंकि ऐसे वाहनों का संचालन और बीमा सुरक्षा विवादित है।

4. दिल्ली रिज एरिया में पेड़ों की कटाई का मामला

दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मुद्दे पर भी न्यायालय का फैसला अहम होगा। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से पेड़ों की कटाई हुई है। सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच को इस मामले में दिल्ली के पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई निर्णायक आदेश देना है, जो अन्य राज्यों के लिए भी मार्गदर्शन का कार्य करेगा।

5. संपत्ति का पुनर्वितरण और अनुच्छेद 39(बी)

अनुच्छेद 39(बी) के तहत संपत्ति के पुनर्वितरण का मामला व्यापक चर्चा का विषय रहा है। इस अनुच्छेद में आम जनता की भलाई के लिए संपत्ति के समान वितरण पर जोर दिया गया है। नौ जजों की पीठ इस मामले पर विचार कर रही है, और इस पर अंतिम निर्णय समाज के आर्थिक संतुलन पर असर डाल सकता है। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सामाजिक न्याय और संपत्ति के समान वितरण की कानूनी परिभाषा को स्पष्ट करेगा।

सीजेआई चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति से पहले दिए जाने वाले ये फैसले न्यायपालिका में उनके योगदान की महत्वपूर्ण विरासत साबित हो सकते हैं।

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