क्या असली मोंगली की असल कहानी पता है आपको…
क्या असली मोंगली की कहानी पता है आपको। यह सवाल इसलिए क्योंकि मोंगली आज भी हमारे समाज का वह किरदार है जिसे लेकर लोगों के जेहन में अक्सर ही यह सवाल पैदा होता है कि अगर कोई बच्चा पैदा होने के बाद जंगल में खो जाए या फिर मानव संपर्क से अलग हो जाए तो वह किस तरह की भाषा बोलेगा। क्या वह हमारे समाज में हमारी ही तरह बर्ताव कर पाएगा। क्या वह हमारे साथ रह पायेगा।
तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति दीना सानिचर है, इस व्यक्ति को बचपन में ही भेड़ियों द्वारा उठा लिया गया गया था। इस व्यक्ति को 1867 में बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश के गहरे जंगलों में पाया गया था। खोजकर्ताओं ने इस व्यक्ति को भेड़ियों के साथ शिकार करते हुए पाया था, उस समय यह व्यक्ति अपने चारों अंगों पर चल रहा था।
फिर उन्हें ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित एक अनाथालय में लाया गया, जिन्होंने उन्हें सानिचर नाम दिया क्योंकि वह अनाथालय में शनिवार को लाया गया था। उन्होंने नोट किया कि वह बोल नहीं सकता है।
वह केवल कच्चा मांस खाता था। यद्यपि वह बोलना नहीं जानता था, इसलिए वह अपने मुंह से भेड़ियों की आवाज निकलता था। वह अपने पूरे जीवन काल में एक अन्य जंगली आदमी को छोड़कर किसी भी इंसान के ज्यादा करीब नहीं आया, और न ही उसने कभी मानव भाषा बोलना सीखा। वह हमेशा अपने भोजन को सूंघता था, दो पैरों पर खड़े होने में परेशानी होती थी, और अधिकांश मनुष्यों की संगति से बचता रहा। उसके द्वारा स्वेच्छा से अपनाई गई एकमात्र मानवीय आदत धूम्रपान थी।
इस शनिचार उर्फ सनिचर पर ही जपानी लेखक और फिल्मकार ने एक कार्टून टीवी सीरीज और फिल्म बनाई थी मोंगली जो काफी हिट हुई थी।