Ramayan Chaupai : हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का त्यौहार मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन (Ram Navami 2023) भगवान राम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन अयोध्या सहित राम जी के विभिन्न मंदिरों में अलग ही धूम देखने को मिलती है। इस दिन (Ram Navami 2023) लोग राम जी की विधि-पूर्वक पूजा-अर्चना करते है। साथ ही रामायण के पवित्र ग्रंथों का भी जप किया जाता हैं। इसके अलावा श्री रामचरितमानस की विभिन्न चौपाइयां भी पढ़ी जाती है। इससे घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल में रामचरितमानस की विभिन्न चौपाइयों (Ramayan Chaupai) के बारे में बताएंगे, जिनसे आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
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जानिए रामायण की अद्भुत चौपाइयां
मंगलमूल रामु सुत जासू।
जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा।
बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।
भव भेषज रघुनाथ जसु, सुनहि जे नर अरू नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई।
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती।
सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।
जब तें रामु ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी।
सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी।
कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती।
जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
श्रवन समीप भए सित केसा।
मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू।
जीवन जनम लाहु किन लेहू।।
एक समय सब सहित समाजा।
राजसभां रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू।
राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।
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