Digital online payment : भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क (RBI Authentication Framework) पर काम कर रहा है। इसके जरिये ग्राहकों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने दूसरे बैंकों को सेकेंड-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए एमएमएस- बेस्ड ऑप्शन ओटीपी के अलावा दूसरे विकल्पों पर जाने को कहा है। ओटीपी की जगह अब ऑथेंटिकेटर ऐप का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्मार्टफोन की जरुरत बनी रहेगी
इसके लिए यूजर्स को अपने मोबाइल फोन पर किसी दूसरे एप्लिकेशन से पासवर्ड हासिल करने की आवश्यकता होती है। सर्विस प्रोवाइडर्स ने मोबाइल ऐप में टोकन जैसे अन्य ऑप्शन भी डिवेलप किए हैं। हालांकि, ओटीपी की जरूरत खत्म होने के बावजूद ऑथेंटिकेशन के लिए यूजर को उसके स्मार्टफोन की जरूरत होगी। क्योंकि ऑथेंटिकेशन के नए तरीके भी किसी न किसी तरह से यूजर के मोबाइल फोन से जुड़े होंगे।
ओटीपी का सबसे आम विकल्प एक ऑथेंटिकेटर ऐप
ओटीपी का सबसे आम विकल्प एक ऑथेंटिकेटर ऐप (Authenticator App) है। इसके लिए यूजर्स को अपने मोबाइल फोन पर किसी दूसरे एप्लिकेशन से पासवर्ड हासिल करने की आवश्यकता होती है। सर्विस प्रोवाइडर्स (service providers) ने मोबाइल ऐप में टोकन जैसे अन्य ऑप्शन भी डिवेलप (Option also developed) किए हैं। लेकिन इन तमाम प्रक्रियाओं के लिए एक फोन की आवश्यकता होती है।
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