Delhi University : QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में दिल्ली यूनिवर्सिटी को 328, JNU को 580 और BHU को 1001-1200 रैंक मिला हैं। भारत का कोई भी यूनिवर्सिटी टॉप 100 में अपनी जगह नहीं बना पाई है। यह सर्वे दुनिया के टॉप 1500 यूनिवर्सिटी के बीच हुआ था। गौरतलब है कि विदेश में अध्ययन करना एक अरब डॉलर का उद्योग बन गया है, जो भारी मात्रा में रोजगार पैदा करता है, अर्थव्यवस्थाओं को चलाता है, और सबसे बढ़कर ज्ञान का एक स्वस्थ आदान-प्रदान करता है।
आज, देश प्रवेश कानूनों में बदलाव कर रहे हैं, छात्र-हितैषी नीतियां पेश कर रहे हैं और सबसे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनके अध्ययन के बाद के वीज़ा के माध्यम से रोजगार पाने का उचित मौका दे रहे हैं, जिसने इस उद्देश्य को और आगे बढ़ाया है।
भारतीय छात्रों की उपस्थिति सबसे अधिक
अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की उपस्थिति सबसे अधिक है, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इसलिए, भारत एक ऐसा मजबूत बाजार बन गया है जिसे अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन स्थलों द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस बार के जारी लिस्ट में भारतीय शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ कर 46 हो गई हैं। 2015 के लिस्ट के मुकाबले 2024 में इसकी संख्या में काफी इजाफा हुआ हैं। जहां 2015 में इसकी संख्या 11 थी, वही 2024 में इसकी सख्या 46 हो गई है।
एशिया में भारत तीसरे नंबर पर
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर भारत 7th तथा एशिया में 3th नंबर पर है। भारत से आगे एशिया में जापान और चीन है। वही बात दुनिया के नंबर एक यूनिवर्सिटी की करे तो वह अमेरिका की MIT यूनिवर्सिटी है। दूसरे नंबर पर इंपीरियल कॉलेज को रखा गया हैं, जो लन्दन में स्थित हैं।