Saturday, November 9, 2024
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Delhi Police की स्पेशल सेल ने 2 करोड़ रुपये की कोकीन की जब्त, नमकीन में छिपा था नशीला पदार्थ

Delhi Police : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में ड्रग माफिया के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 2000 करोड़ रुपये की कोकीन जब्त की है। ड्रग्स की यह खेप नमकीन (स्नैक) में छिपाई गई थी, जिसे सिंडिकेट ने राष्ट्रीय राजधानी में लाने की योजना बनाई थी।

यह पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह एक हफ्ते के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसके पहले भी 5600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। इस पूरी कार्रवाई के दौरान सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और अभी भी जांच में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

ड्रग्स के साथ सिंडिकेट का भंडाफोड़

स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ तब हुआ जब कोकीन ले जाने के लिए इस्तेमाल की गई कार में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगा हुआ था। इस जीपीएस लोकेशन को ट्रैक करते हुए पुलिस ने छापेमारी की और 200 किलोग्राम कोकीन को जब्त किया। पकड़ी गई कोकीन की कुल कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने अपनी सटीक योजना और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इस कार्रवाई को सफल बनाया।

सूत्रों के मुताबिक, यह ड्रग्स सिंडिकेट पहले भी 5600 करोड़ रुपये की ड्रग्स की खेप के साथ पकड़ा गया था। उस मामले में भी पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की थी, जिसमें 560 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जब्त की गई थी। ताजा कार्रवाई से इस बात की पुष्टि हुई है कि दोनों मामलों में एक ही सिंडिकेट की संलिप्तता है।

महिपालपुर में गोदाम से ड्रग्स की बरामदगी

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 अक्टूबर को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम से ड्रग्स की खेप जब्त की थी। इस गोदाम में छिपाकर रखी गई कोकीन को पुलिस ने पकड़ा। मौके पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें औरंगजेब सिद्दीकी (23), हिमांशु कुमार (27), तुषार गोयल (40), और भरत कुमार जैन (48) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दो अन्य आरोपियों को बाद में चेन्नई और अमृतसर से पकड़ा गया।

इसके अलावा, एक और आरोपी अखलाक को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, अखलाक उत्तर भारत में ड्रग्स की सप्लाई में मदद करता था और उसे ड्रग्स सिंडिकेट के प्रमुख संपर्क व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

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लंदन से जुड़े सिंडिकेट के तार

जांच के दौरान, पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि इस ड्रग सिंडिकेट का संचालन लंदन में बैठकर भारतीय मूल के एक व्यवसायी वीरेंद्र बसोया द्वारा किया जा रहा था। पुलिस ने वीरेंद्र बसोया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, वीरेंद्र ने लंदन से ही ड्रग्स सिंडिकेट का संचालन किया और अपने संपर्कों के माध्यम से दिल्ली तक ड्रग्स भेजी।

जांच में पता चला है कि वीरेंद्र बसोया ने जिमी और एक अन्य व्यक्ति को ड्रग्स की खेप के साथ भारत भेजा था। पुलिस को इस बात का शक है कि जिमी और उसका सहयोगी लंदन से ड्रग्स लेकर रमेश नगर इलाके में पहुंचे थे और अब फरार हैं।

ड्रग्स की पेमेंट के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल

दिल्ली पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि ड्रग्स के भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा था। क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी (Tether) का उपयोग सिंडिकेट द्वारा ड्रग्स की पेमेंट के लिए किया जा रहा था। यूएसडीटी का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि इसे ट्रैक करना मुश्किल होता है और इससे सिंडिकेट की गतिविधियों का पर्दाफाश होने का खतरा कम हो जाता है।

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस सिंडिकेट ने अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए हाई-टेक तरीकों का इस्तेमाल किया है। क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग ने पुलिस के लिए जांच को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, लेकिन स्पेशल सेल इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की मदद से जांच को आगे बढ़ा रही है।

भारत में ड्रग्स का खतरा और पुलिस की सख्ती

भारत में तेजी से बढ़ रहे ड्रग्स के खतरे को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई दर्शाती है कि पुलिस अब ड्रग्स सिंडिकेट को जड़ से खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। लगातार हो रही गिरफ्तारियों से यह संकेत मिल रहा है कि पुलिस अब ड्रग्स माफिया को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस बार ड्रग्स को नमकीन के पैकेट्स में छिपाकर लाने की कोशिश की गई थी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंडिकेट किस हद तक जाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है।

आगे की जांच और संभावित गिरफ्तारियां

पुलिस को अभी भी इस मामले में और गिरफ्तारियां करने की उम्मीद है। अधिकारियों का मानना है कि सिंडिकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं जो अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच के लिए कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी जारी है।

दिल्ली पुलिस का यह ऑपरेशन न केवल राजधानी बल्कि पूरे देश में ड्रग्स के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है। ऐसे ऑपरेशंस से ड्रग माफिया पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और देश में नशीले पदार्थों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

दिल्ली पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई यह दिखाती है कि ड्रग्स के सिंडिकेट कितनी आसानी से लोगों के बीच फैल सकते हैं, और इनका नेटवर्क कितना व्यापक होता है। इस मामले में जीपीएस ट्रैकिंग और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग जैसे आधुनिक तकनीकी साधनों ने पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस की इस कामयाबी से ड्रग्स सिंडिकेट के खिलाफ भविष्य में भी मजबूत कदम उठाए जाने की संभावना है।

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