राजधानी दिल्ली में दिल की पुलिस यानी की दिल्ली पुलिस हर दिन कुछ नया करके सुर्खियां बटौर रही है। चाहे दिल्ली के लोगों की सुरक्षा हो या फिर अपराधिक वारदातों पर लगाम लगाना हो अपने अंदाज में काम करते पुलिसिया कार्यप्रणाली को बेहतरीन बनाया जा रहा है। इसकी साथ ही उत्तर पश्चिम जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अब अपराध और नशे पर नकेल कसने के और इसमें लिप्त लोगों को सुधारने के लिए पाठशाला की शुरूआत की है। जिसका मकसद असामाजिक और आपराधिक गतिविधियों से अपने युवा वर्ग को दूर रखना है।
नशे के आदी होने के लिए छोड़ दी पढ़ाई
जहांगीरपुरी थाने में हर रविवार पुलिस की पाठशाला लगती है,जिसमें काउंसलिंग सत्र के माध्यम से उन्हें नशे के हानिकारक प्रभाव, अपराधियों की संगत से दूरी बनाने और नफरत भरे वीडियो की नकल ना करने को लेकर जागरूक किया गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों कि माने तो दिल्ली में इस समय अपराधिक वारदातों में सबसे ज्यादा नाबालिग व युवाओं की संख्या में इजाफा देखा गया है। साल 2020 में 2455 नाबालिगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। साल 2021 में 2643 नाबालिगों की गिरफ्तारी की थी। पहली बार गिरफ्तार किए नाबालिगों और युवाओं की जांच करने पर पता चला कि नशे के आदी होने से ज्यादातर पढ़ाई छोड़ चुके थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हुए प्रभावित
कई अपराधिक वारदातों के खुलासे में देखा गया है कि युवा वर्ग इस समय सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य कई माध्यमों वर वायरल होने वाले वीडियो से प्रभावित होकर वारदातों को अंजाम देते हैं। बीते दिनों जहांगीरपुरी क्षेत्र में भी नाबालिग ने इंस्टाग्राम पर वीडियो डालकर खुद को फेमस करने के चक्कर में एक अनजान युवक को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया था और दोस्त से वीडियो बनवाकर उसे वायरल भी कर दिया था।
ज्यादातर वारदातों को युवा वर्ग ने दिया अंजाम
तो वहीं हाल के ही दिनों में भलस्वा डेयरी इलाके में भी एक लड़की ने इंस्टाग्राम पर कमेंट करने पर नाबालिग भाई और दोस्तों के साथ मिलकर 2 युवकों की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। अभी तक पुलिस ने जांच कर इन मामलों के पाया कि ज्यादातर वारदातों को युवा वर्ग ने ही अंजाम दिया है। उत्तर पश्चिम जिला पुलिस ने नाबालिग और युवाओं को जागरूक करने का फैसला किया।
डीसीपी ने दी जानकारी
डीसीपी उषा रंगनानी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जहांगीरपुरी थाने के 1 निरीक्षक और महिला उप निरीक्षक अब इस तरह की प्रवतियों में लिप्त नाबालिग और युवाओं की पहचान कर उन्हें जागरूक करने में जुटे हैं। जिसमें ज्यादातर तो अपनी पढ़ाई को ही छोड़ चुके हैं। और अपना अपराध की दुनिया में कदमताल कर चुके हैं। ऐसे लोगों को सुधारने का बीड़ा दिल्ली पुलिस के निरीक्षक और महिला उप निरीक्ष पुलिस की पाठशाला के तहत उठा लिया है।
कंपनियों में दिलाई जा रही है नौकरियां
दरअसल, महिला उप निरीक्षक और निरीक्षक द्वारा ली गई इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी जा रहा है। जिसमें वह अपराधिक की दुनिया और नशे में लिप्त लोगों को सुधारने का बेहतरीन काम करने में जुटे हुए हैं। दोनों ही पुलिसकर्मी इस अभियान से उन लोगों को जोड़ने में लगे हुए हैं और हुनरमंद बनाकर उन्हें उनकी कुशलता के हिसाब से अच्छी व बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम कर रहे हैं। जिससे इनकी जिंदगी में बदलाव आ सके। युवाओं को नशे, अपराध और नफरत भरे वीडियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।